हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई की सांप्रदायिक हिंसा के बाद पलवल जिले के पोंडरी गांव में आज सर्व हिंदू समाज की महापंचायत हुई। महापंचायत में 51 सदस्यीय कमेटी ने कई अहम फैसले किए। इनमें यह फैसला भी किया गया कि जो बृजमंडल यात्रा 31 जुलाई को नहीं हो पाई थी, वो अब 28 अगस्त को निकाली जाएगी। इस यात्रा को जलाभिषेक यात्रा भी कहा जा रहा है।
साथ ही कमेटी ने कहा कि नूंह में भड़की हिंसा की जांच एनआईए से कराई जाए। हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग की गई है। इसके अलावा घायलों को 50- 50 लाख रुपए दिये जाएं।
महापंचायत के दौरान कमेटी ने मांग की कि दंगे में जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली आरोपियों से की जाए। दूसरे देशों से आए लोगों के लिए सख्त कानून बनाकर उन्हें बाहर निकाला जाए। नूंह और पलवल के लोगों को आत्म सुरक्षा के लिए सरकार हथियारों का लाइसेंस दे। कमेटी ने सरकार से यह भी मांग की कि अर्धसैनिक बल का एक हेडक्वार्टर नूंह में होना चाहिए, जिससे सुरक्षा रहे। हिंसा से जुड़े सभी मुकदमों को गुरुग्राम या दूसरे जिलों में ट्रांसफर किया जाए।
कमेटी ने सरकार से नूंह जिले को खत्म करने की भी मांग की है और कहा है कि इस इलाके को गौहत्या मुक्त किया जाए, झगड़े की जड़ यही है। कमेटी ने कहा कि जिन निर्दोष लोगों को मुकदमों में फंसाया गया है, उन्हें छोड़ा जाए।
महापंचायत की इजाजत इस शर्त पर दी गई थी कि इसमें नफरत भरे भाषण नहीं दिये जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ लोगों ने पुलिस की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए भड़काऊ भाषण दिए। इसमें हथियार उठाने का आह्वान किया गया। हरियाणा के गोरक्षक दल के नेता आचार्य आजाद शास्त्री ने भड़काऊ और विवादित बयान देकर माहौल गरमा दिया। उन्होंने कहा, आज करो या मरो की स्थिति है। युवाओं को खून को गरम रखना पड़ेगा। इस देश का विभाजन हिंदू और मुसलमानों के आधार पर हुआ था। उन्होंने आगे कहा, गांधीजी के कारण ही ये मुसलमान मेवात में रुके रहे। हमें एफआईआर से नहीं डरना चाहिए। मेरे खिलाफ भी एफआईआर हैं, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। आपको जागना होगा।

