राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आज अपनी ‘जन संघर्ष यात्रा’ पूरी करने के मौके पर गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके भीतर अगर सरकार ने पेपर लीक से प्रभावित अभ्यर्थियों को मुआवजा नहीं दिया और वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराई तो वे सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही पायलट ने आरपीएससी की वर्तमान व्यवस्था को भंग करने की भी मांग की।
सचिन पायलट ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उन परीक्षार्थियों को मुआवजा दें, जिन्होंने परीक्षा दी लेकिन बाद में पेपर लीक हो गए। उन्होंने पेपर लीक के स्रोत राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने की मांग की। सचिन पायलट ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत और उन्हें एक साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहिए। लेकिन गहलोत ने इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया है।
पायलट बोले– मलाई खाने वालों के धमकाने से मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं प्रदेश के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हूं। पायलट ने आरोप लगाया कि उनकी सभा में आने से लोगों को रोका गया, लेकिन मैं न डरने वाला और न ही दबने वाला। उन्होंने नौजवानों के कलेजे में आग लगाने के लिए यात्रा निकाली है। यात्रा को अपार जन समर्थन मिला। इससे कई लोग घबरा गए। पायलट ने कहा, मेरे परिवार को राजनीति में 45 साल हो गए, लेकिन मुझ पर मेरा घोर विरोधी भी अंगुली नहीं उठा सकता।
पायलट आज पूरी तरह से सरकार पर हमलावर नजर आए। उन्होंने कहा कि प्यार से मांगोगे तो चलेगा, लेकिन धमकाओगे तो मै डरने वालों में नहीं हूं। उन्होंने यात्रा में साथ चले युवाओं का आह्वान करते हुए कहा मुझे आपके पैरों के छालों की कसम आपके साथ रहूंगा। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।
पायलट ने गहलोत का नाम लिये बगैर उनके बयानों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब वो सफाई दे रहे हैं। दूध और नींबू की बातें हो रही हैं। कितनी बार बात हुई या नहीं, ये तो अभी के बयानों से साफ हो रहा है। पायलट ने कहा वसुंधरा राजे पर लगे आरोपों की जांच का समय आ गया है। मैंने कई चिटठी लिखी अनशन किया। इस यात्रा से उम्मीद है कि कार्रवाई होगी।

