सचिन पायलट से चल रही तल्खी को कम करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सलाह दी है। रंधावा ने कहा कि अशोक गहलोत परिवार के मुखिया हैं। यदि किसी से मनमुटाव है तो मुखिया को ही उनके पास जाकर मिलना होगा।
रंधावा ने कहा- सचिन पायलट नेता हैं। गहलोत साहब सबसे बड़े हैं। कोई भी व्यक्ति परिवार का मुखिया है तो उन्हें ही बात करनी होगी। सचिन पायलट की भूमिका पर रंधावा ने कहा- पायलट का रोल हमेशा ही रहेगा। वे हमारे युवा नेता हैं। उनके पिता भी कांग्रेसी रहे हैं। नजरंदाज तो किसी को नहीं किया जा सकता। गहलोत साहब तीन बार जनरल सेक्रेट्री रहे, तीन बार सीएम रहे। पंजाब में पिछली बार गहलोत साहब ने ही टिकट बांटे थे। उनकी औरों से जिम्मेदारी ज्यादा बन जाती है। मतभेद कैसे खत्म करने हैं, इस मामले में वे हमसे अनुभवी हैं।
सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी के इस्तीफे के बाद से राजस्थान कांग्रेस का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। जोशी के इस्तीफे पर रंधावा ने कहा- यह तो पहले ही हो जाना चाहिए था। जब पार्टी के उदयपुर अधिवेशन में फैसला हो गया कि कोई व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता। मुख्यमंत्री को यह बहुत पहले कर देना चाहिए था।
रंधावा ने कहा- पूरी कांग्रेस एकजुट है, जो गिले शिकवे हैं, वे दूर हो जाएंगे। राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। राजनीति में कल का दोस्त आगे दुश्मन बन जाता है। दुश्मन दोस्त बन जाता है। पायलट खेमे की बातें मेरे आने से पहले की हैं। वह हाईकमान की नजर में है। एक्शन होगा या नहीं, यह तो उनसे पूछना चाहिए, जिन्होंने मुझे भेजा है। मैं तो ऊपर से आए आदेश को 15 मिनट में लागू कर दूंगा।

