राजस्थान में आई फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों की कतार आउटडोर खुलने से पहले ही लगने लगी हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर हर दिन आंखों में लालिमा, चुभन और खुजली की समस्या लिए लोग पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में मरीजों के चलते कई अस्पतालों में दवाइयों की कमी हो गई है।
आईफ्लू के बढ़ते संक्रमण के बीच जयपुर के एसएमएस, जयपुरिया समेत अन्य सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरियों के अलावा बाजार में आई फ्लू से बचाव की दवाइयों का टोटा हो गया है। इन अस्पतालों में डॉक्टर जिन दवाइयों को लिख रहे हैं, वे ही नहीं मिल रही हैं। मजबूरन मरीजों को अस्पताल से बाहर दूसरी वैकल्पिक दवाइयां लेनी पड़ रही हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आईड्रोप को लेकर हो रही है।
आई फ्लू के संक्रमण को देखते हुए बीकानेर के पीबीएम अस्पताल तथा जिला अस्पताल (सेटेलाइट) के नेत्र रोग विभाग के सभी चिकित्सकों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के नेत्ररोग विशेषज्ञों का कहना है कि आईफ्लू के रोजाना 150 से 200 मरीज पहुंच रहे हैं, इसलिए आई ड्रॉप की कमी आ गई है। मांग भेज दी है। जल्दी समाधान हो जाएगा।
सुझाव–चिकित्सकों ने बताया कि आईफ्लू से ठीक होने में सामान्यत: पांच से सात दिन का समय लग रहा है। कुछ मरीज दो से तीन दिन में ही ठीक हो रहे हैं। ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है। खासतौर पर बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोई भी दवा नहीं लें।

