भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रग्गनानंदा को नॉर्वे के दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के खिलाफ फाइनल के दूसरे टाई ब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही भारत के प्रग्गनानंदा सबसे कम उम्र में इतिहास रचने से चूक गए। पहले टाई ब्रेकर तक प्रग्गनानंदा ने कार्लसन को कड़ी टक्कर दी, लेकिन दूसरे टाई ब्रेकर में कार्लसन ने अपने खेल के अंदाज को बदला, जिसका तोड़ प्रग्गनानंदा नहीं निकाल पाए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
चेस विश्व कप 2023 के दूसरे टाई ब्रेकर में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर प्रग्गनानंदा दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी कार्लसन के खिलाफ पिछड़ गए। इस कारण वह सिर्फ 18 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनने से रह गए। मैग्नस कार्लसन ने प्रग्गनानंदा के खिलाफ दूसरा टाई-ब्रेक ड्रॉ करने के बाद विश्व कप जीता। दोनों के बीच अंतिम स्कोर—कार्लसन-1.5, प्रग्गनानंद- 0.5 ।
प्रग्गनानंदा को 47 चालों के बाद पहले टाई-ब्रेक में हार का सामना करना पड़ा। विश्व कप फाइनल में कार्लसन के बीच यह कड़ी लड़ाई थी। पर वो भारतीय ग्रैंडमास्टर से बेहतर साबित हुए। पहले टाई-ब्रेकर की समाप्ति के साथ ही विश्व नंबर 1 मैग्नस कार्लसन की शानदार फिनिशिंग से शतरंज विश्व कप फाइनल में प्रग्गनानंदा के खिलाफ 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
हर किसी की निगाहें प्रग्गनानंदा पर टिकी हुई थी, जो दो दिन से मैग्नस कार्लसन से फीडे विश्व कप का खिताबी जंग लड़ रहे थे। हालांकि आज टाईब्रेक में हार के बावजूद हर भारतीय को प्रग्गनानंदा पर गर्व है। इस युवा शातिर ने हर योद्धा को धूल चटा दी थी।

