सिविल सर्विसेज डे के मौके पर आज जयपुर में राज्य सरकार की ओर से पहली बार मुख्यमंत्री एक्सीलेंस अवार्ड राजस्थान के आधा दर्जन नौकरशाहों को नवाजा गया। सीएम अशोक गहलोत ने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले इन अधिकारियों को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। फिर संबोधन की बारी आई तो अंग्रेजी को लेकर जो बातें कहीं, उससे माहौल हल्का हो गया।
गहलोत ने सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड से पाली कलेक्टर नामित मेहता, झालावाड़ कलेक्टर भारती दीक्षित, उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा, बाड़मेर कलेक्टर लोकबंधु, आयोजना संयुक्त सचिव सुशील कुलहरि, सीएस कार्यालय के मॉनिटरिंग निदेशक डॉ. नीतीश शर्मा को सम्मानित किया।
उसके बाद गहलोत ने कहा, सबको पता है कि मैं इंग्लिश में बहुत कमजोर हूं, इसलिए सीएस उषा शर्मा, दामोदरन जी की अंग्रेजी की बातों को मुझे बार-बार हिंदी में ब्रीफ कर रहीं कि मुझे यहां आकर क्या कहना है और मैंने इस बात का ध्यान रखा। इंग्लिश मुझे 40फीसदी समझ में आती है, बाकी मुझे लिखकर कोई देता रहे। इसमें कोई शर्म नहीं है, इंसान को अपनी अंतिम सांस तक सीखते रहना चाहिए।
इतना कहते ही गहलोत ने मंच पर बैठी मुख्य सचिव उषा शर्मा की ओर इशारा करते हुए कहा, अब आप दामोदरन जी को ब्रीफ करो। मैंने आपकी बात रखी। इस पर पूरा सभागार हंसी से गूंज गया। सीएम के कहते ही उषा शर्मा खड़ी होती हैं तो गहलोत उन्हें यह कहकर रोक देते हैं कि अरे बैठिए..महिला हैं आप… इस दौरान पूरा सभागार फिर से हंसी से गूंजने लगता है।
सीएम ने कहा कि टूटी-फूटी इंग्लिश मुझे आती है, जितनी दामोदरन जी को हिंदी आती है। सीएम ने कहा, इतनी इंग्लिश मुझे आती है पर परफेक्शन ज्यादा काम का होता है। 40% अंग्रेजी आ गई, अब 100 फीसदी प्राप्त कर सकूं वह ज्यादा अच्छा है। इसलिए मैंने देखा कि मुझे हर बात समझनी चाहिए, यह चीज एक्स्ट्रा ऑर्डिनेरी है।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने कहा कि अधिकारियों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। महंगाई राहत शिविर को सफल बनाने की जिम्मेदारी भी है। अभी तक अधिकारियों ने, फ्लैगशिप कार्यक्रमों को सफल बनाया है। मैं जनता से अपील करता हूं कि इस शिविर में ज्यादा से ज्यादा आकर सेवाओं का लाभ लें।

