कानून की नजर में गुरमीत राम रहीम इंसा कातिल भी है और रेपिस्ट भी, लेकिन हरियाणा सरकार की उसपर जारी मेहरबानियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। जिस तरह से हरियाणा सरकार बाबा को खुले हाथों से कभी फरलो तो कभी पैरोल के नाम पर रिहाई दे रही है, उसकी दूसरी मिसाल इस देश में कहीं और नहीं मिलती। पिछले 14 महीनों में चौथी बार और तीन माह में दूसरी बार गुरमीत राम रहीम जेल के बाहर है।
इस हिसाब से देखा जाए तो सजायाफ्ता रेपिस्ट बाबा अब तक 133 दिन आज़ाद रहा है। राम रहीम को बेशक दो-दो बलात्कार और दो-दो कत्ल के मामलों में 20 साल की कैद से लेकर उम्र कैद तक की दोहरी सज़ा मिल चुकी हो, लेकिन वो इस साल फरवरी के अंत तक पैरोल और फर्लो की शक्ल में कुल 133 दिनों तक आजादी के मजे ले चुका होगा।
हालांकि राम रहीम के पैरोल को लेकर पंजाब और हरियाणा के सियासी महकमों में सवाल उठाए जाने लगे हैं। शिरोमणि अकाली दल से लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तक ने सख्त ऐतराज जताते हुए ये कहा है कि एक तरफ राम रहीम को बार-बरा पैरोल पर पैरोल मिल रही है, दूसरी ओर अनगिनत सिख मुजरिम सजा पूरी होने के बावजूद जेलों में अपनी एडियां रगड़ रहे हैं। हालांकि हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने राम रहीम को मिली पैरोल में किसी भी तरह से कानून की अनदेखी करने की बात से इनकार किया है। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस बार राम रहीम को पैरोल मिलने की बात से खुद को अंजान बताया है।
आखिर राम रहीम को इतनी आसानी से और बार-बार पैरोल कैसे मिल रही है? पैरोल लेने के लिए वो सरकार के सामने क्या-क्या और कैसे-कैसे बहाने पेश करता है? इसका जवाब जानने के लिए उसकी ओऱ से पैरोल के लिए अब तक के दी गई अर्जियों पर निगाह डालें तो पता चलता है कि उनमें–बीमार मां को देखने–अपनी गोद ली हुई बेटियों की शादी करने–अपने खेतों की देखभाल करने से लेकर–पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम की जयंती मनाने जैसी वजहें शामिल हैं। हरियाणा सरकार उसकी हर अर्जी पर बड़ी ही दरियादिली से उसे पैरोल देती जा रही है।
इसके लिए हरियाणा सरकार ने पिछले साल अपने पैरोल से जुड़े कानून में तब्दीली की है। पैरोल को लेकर 11 अप्रैल 2022 को हरियाणा सरकार ने एक नया कानून बनाया, जिसका नोटिफिकेशन 19 अप्रैल को जारी किया गया। उसके बाद से ही राम रहीम को जल्दी-जल्दी पैरोल मिलने लगी है। असल में हरियाणा सरकार गुरमीत राम रहीम को दुर्दांत अपराधी नहीं मानती, हाईकोर्ट ने भी इस पर मुहर लगाई है। अगर कोर्ट भविष्य में राम रहीम को किसी तरह दुर्दांत अपराधी घोषित भी कर देता है तो उसे कुछ शर्तों के साथ पैरोल मिल जाएगी।

