बाजारों में मिलने वाली ‘कॉकटेल दवाओं’ पर जल्द ही बैन लग सकता है। सरकार ने इसके लिए ड्रग कंट्रोलर को एक्शन लेने को कह दिया है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के कार्यालय सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने पहले ही इस पर काम करना शुरू कर दिया है। अब ‘कॉकटेल ड्रग्स’ पर प्रतिबंध की घोषणा महीनेभर के भीतर की जा सकती है।
फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (एफडीसी) ऐसी दवाएं हैं, जो एक से अधिक दवाओं को मिलाकर बनाई जाती हैं। इन्हें कॉकटेल दवा कहा जाता है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को कॉकटेल दवाओं की सूची पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। डीसीजीआई ने 19 एफडीसी की एक सूची तैयार की है। इन दवाओं में फिजूल की दवाओं के कॉम्बिनेशन बताए जा रहे हैं।
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. भाटिया की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा सूची की समीक्षा की जा चुकी है। कॉकटेल दवाएं जांच के दायरे में इसलिए भी है क्योंकि इसको खाने से लोगों में दवाओं पर रहने की आदत बन सकती है। 2016 में, मंत्रालय ने लगभग 350 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे 2700 से अधिक ब्रांडेड दवाएं प्रभावित हुई थीं।
केंद्र सरकार कॉकटेल दवाओं के अलावा बाजार से कोडीन आधारित दवाओं को खत्म करने पर विचार कर रही है। कई सांसदों ने चिंता व्यक्त की थी कि इसका दवा के रूप में नहीं, बल्कि नशीले पदार्थों के रूप में अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है।

