बाबा खाटूश्यामजी का 11 दिन भरने वाला का फाल्गुन (लक्खी) मेला बुधवार से शुरू हो गया। मेले में देशभर से भक्त आने लगे हैं। दिल्ली, हरियाणा, मुंबई, गुजरात औऱ दक्षिणी राज्यों से लोग दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
मेले के पहले दिन बुधवार सुबह से ही भक्त लाइन में लग गए थे। वे बाबा की मंगल आरती में भी शामिल हुए थे। सुबह के समय तो भीड़ कम रही, लेकिन दिन चढने के साथ ही भीड़ बढ़ने लगी। दोपहर में राज्य के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मंदिर पहुंचे। वे करीब डेढ़ घंटे तक मंदिर परिसर में रूके। शाम 5 बजे तक करीब एक लाख भक्तों ने दर्शन कर लिए थे।
इस बार का लक्खी मेला खास है। नंवबर से जनवरी तक मंदिर बंद होने से भक्त निराश हो गए थे। फरवरी में पट खुलते ही भक्तों का आना शुरू हो गया था। अब 4 मार्च तक भरने वाले मेले में 24 घंटे बाबा का दरबार खुला रहेगा। 200 से ज्यादा घंटे तक भक्त लगातार अपने लखदातार के दर्शन कर सकेंगे। कल मंगलवार को बाबा का तिलक और शृंगार किया गया था, जिसके बाद शाम 5 बजे से मंदिर को दर्शन के लिए खोला गया था।
देशभर से आए भक्तों में खाटू बाबा की झलक पाने का अलग ही जोश था। इस बार प्रशासन ने मेले में डीजे पर बैन लगाया है। इस कारण तेज गूंजते भजनों की जगह लोग खुद भजन गाते और नाचते हुए दरबार में पहुंच रहे हैं। हाथों में ढोलक और मंजीरे लेकर भक्त भजन गाते चले। भक्त पैदल यात्रा करके हाथों में निशान लेकर आए। माथे पर श्याम बाबा की पट्टी को बांध रखा था। सनातन संस्कृति में ध्वज को विजय का प्रतीक माना जाता है। इस कारण श्री श्याम बाबा के महाबलिदान शीश दान के लिए निशान चढ़ाया जाता है। हालांकि इस बार भक्त निशान को मंदिर परिसर में लेकर नहीं जा सकेंगे।
चारण खेत में जिग-जेग की 8 लाइनों से गुजरते हुए भक्त मंदिर परिसर में पहुंचे। मंदिर परिसर के सभी 200 से अधिक खंभों पर लगे स्पीकर में संगीतमय ध्वनियों की आवाज के साथ बाबा के जयकारे गूंज रहे थे। भक्तों ने दरबार में पहुंचकर शीशे में से अपने बाबा को निहारा औऱ खुशी से झूमते हुए जयकारे लगाने लगे। मेले के दौरान किए बदलाव के कारण 7 सेकेंड तक भक्तों ने आराम से अपने लखदातार को देखा।
कोरोना के बाद खाटू श्याम मंदिर में प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी। हाल में मंदिर कमेटी ने मंदिर में प्रसाद चढ़ाना वापस शुरू कर दिया। मंदिर परिसर में 30 स्थानों पर भक्तों ने भगवान को प्रसाद चढ़ाया। हर बार खाटू मेले में करीब 30 से 35 लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस बार यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से खाटू कस्बे में 4 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इमरजेंसी रिस्पांस टीम और एसडीआरएफ के जवान भी शामिल हैं। इसके अलावा पूरे मेले की 12 से ज्यादा ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

