एयर इंडिया फिर एक विवाद में फंस गई। एक समाचार एजेंसी के अनुसार भारत के विमानन नियामक ने उस घटना की विस्तृत जांच का आदेश दिया है, जिसमें दुबई से दिल्ली की उड़ान के दौरान एयर इंडिया के एक पायलट ने कथित तौर पर महिला मित्र को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति दी थी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को कहा कि वह फरवरी की इस घटना की जांच कर रहा है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया, यह डीजीसीए के सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन है।
उस फ्लाइट के एक क्रू मेंबर ने शिकायत की थी कि पायलट ने कॉकपिट में अपनी महिला मित्र को एंट्री दी और दोनों एक घंटे से ज्यादा समय तक वहीं रहे। पायलट पर आरोप है कि उसने कॉकपिट को लिविंग रूम जैसा बनाकर रख दिया। वह अपनी महिला मित्र के स्वागत के लिए केबिन क्रू को पहले से निर्देश दे चुका था। पायलट पर ये भी आरोप है कि उसने अपनी मित्र को बिजनेस क्लास में खाना खिलवाया था।
क्रू मेंबर की शिकायत के अनुसार पायलट ने केबिन क्रू से पूछा था कि क्या बिजनेस क्लास में खाली सीटें हैं? उसकी दोस्त इकोनॉमी क्लास में यात्रा कर रही थी। पायलट चाहता था कि उसे अपग्रेड किया जाए। क्रू मेंबर ने उन्हें सूचित किया कि कोई सीट खाली नहीं है, तब पायलट ने कॉकपिट में ही आरामदायक बिस्तर लगवा दिया। इसके अलावा पायलट ने वहां स्नैक्स और शराब का भी इंतजाम करने को कहा। इस पर क्रू मेंबर ने कहा, मैं कॉकपिट में ये सब करने के लिए सहज नहीं हूं। इसी बात पर पायलट का रवैया क्रू मेंबर के लिए बदल गया और वह उसके साथ नौकर की तरह व्यवहार करने लगा। डीजीसीए के अधिकारी ने कहा कि पायलट की हरकतें न केवल सुरक्षा का उल्लंघन थीं, बल्कि पागलपन की हद थी। इसकी वजह से उड़ान और उसके यात्रियों की जान जोखिम में आ सकती थी। अधिकारी ने कहा कि जांच के परिणाम के आधार पर पायलट को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उसका लाइसेंस निलंबित या रद्द करना शामिल है। एयर इंडिया ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

