राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के एक बार बागी तेवरों ने सियासी खेमों में हलचल मचा दी है। इसी के बीच आरएलपी और बसपा ने सचिन को कांग्रेस छोड़ अपनी पार्टी में शामिल होने या नई पार्टी बनाकर गठबंधन करने का खुला ऑफर दे दिया है। हालांकि ऐसा ही ऑफर पूर्व में दे चुकी भाजपा का रुख इस बार बदला नज़र आ रहा है।
गहलोत सरकार के खिलाफ पूर्व में सचिन पायलट ने बगावती तेवर दिखाते हुए अपने समर्थित विधायकों के साथ मानेसर में डेरा डाला था, तब भाजपा हरकत में आती दिखी थी। तब केंद्रीय संगठन पर राजस्थान में ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाकर गलत तरीके से सत्ता पलटने की कथित कोशिशों के आरोप लगे थे। भाजपा के कुछ बड़े नेताओं के सचिन पायलट से संपर्क किए जाने की बातें भी सामने आई थीं। भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक बयानों में भी पायलट को कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने का खुला न्यौता दिया था। हालांकि बात नहीं बन पाई थी और पायलट ने कांग्रेस का दामन कभी नहीं छोड़ने का इरादा जताया था। इस बार स्थितियां अलग हैं। पायलट ने अभ पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच करवाने को लेकर आवाज़ बुलंद की है। ऐसे में भाजपा नेताओं के पूर्व में दिए बयानों में भी बदलाव देखा जा रहा है। पार्टी नेता इस बार पायलट को पहले जैसा ऑफर नहीं दे पा रहे हैं।
इसबीच, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने फिर से सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ने की सलाह दी है। पार्टी सांसद हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में अपने पूर्व बयान को दोहराया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट के बार-बार अपमान होने का ज़िक्र करते हुए उन्हें नई पार्टी बनाने और आरएलपी से गठबंधन करने का ऑफर दिया है। हालांकि आरएलपी सांसद के इस ऑफर पर पायलट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इसी तरह बहुजन समाज पार्टी ने भी पायलट को ऑफर दिया है। पार्टी नेताओं ने पायलट से बसपा के दरवाज़े खुले रहने की बात कही है। प्रदेशाध्यक्ष भगवान् सिंह बाबा ने कहा कि सचिन पायलट का कांग्रेस में अपमान हो रहा है, उन्हें बसपा में सम्मान मिलेगा। उनके लिए पार्टी के दरवाज़े खुले हैं। प्रदेशाध्यक्ष बाबा ने कहा कि बसपा अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रही है। सचिन पायलट खुद ओबीसी से हैं, ऐसे में उनका मूल घर तो बसपा ही है।
आरएलपी, बसपा के साथ ही आम आदमी पार्टी की भी नज़र पायलट के बगावती तेवरों और उनके आगामी कदम पर है। हालांकि आरएलपी और बसपा की तरह आप पार्टी की ओर से अभी तक किसी तरह का ऑफर नहीं आया है। आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली सीएम अरविन्द केजरीवाल की प्रतिक्रिया आने का इंतज़ार हो रहा है।

