संजीवनी सोसायटी घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को फिर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को खरी-खरी सुनाते हुए यूपी सरकार की शासन-व्यवस्था की एक प्रकार से तारीफ कर दी। उन्होंने कहा, बेशर्म आदमी है, उन्हें शर्म नहीं आती, वो केन्द्रीय मंत्री है, उन्हें लोगों को बुलाकर बात करनी चाहिए। लोगों से पूछना चाहिए कि बताएं मेरी गलती क्या है। वो अपने आपको पाक साफ तो करे। वो एसओजी के पास जाकर पूछते- बताओ मेरा नाम कैसे आ गया।
गहलोत ने कहा, आज यूपी होता तो गजेन्द्र सिंह शेखावत सालखों में होते। लेकिन यह राजस्थान की परम्परा है। न्याय मिले, लेकिन सबको न्याय दिखना भी चाहिए। एसओजी हो या पुलिस, हमारी कार्रवाई स्टेप बाई स्टेप चलती है। जो आरोपी पकड़े गए हैं, उनके बराबर ही इनका रोल है। केन्द्रीय मंत्री हैं, जनता को तकलीफ दे रहे हैं, जाति की बातें करते हैं। ठगी के शिकार अधिकांश लोग राजपूत समाज के हैं। लोगों के 2 लाख, 5 लाख, 50 लाख और एक-एक करोड़ रुपए डूब गए।
उन्होंने यह बात राजस्थान पुलिस अकादमी में पुलिस स्थापना दिवस कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में कही। इससे पहले उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहकारिता मंत्री भी हैं और उन्हें केन्द्र का एक प्रतिनिधि मंडल राजस्थान भेजकर संजीवनी घोटाले के पीडि़त लोगों की सुध लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, गृहमंत्री अमित शाह देखते नहीं क्या एक केन्द्रीय मंत्री मुलजिम बना है और वो जमानत के लिए कोर्ट में जा रहा है…क्यों जा रहा है। शाह को राजस्थान आने पर सबसे पहले इतने बड़े (संजीवनी घोटाले) मुद्दे पर बात करनी चाहिए थी। उसके लिए शाह ने भरतपुर में एक शब्द नहीं कहा।

