जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना अरशद मदनी के बयान पर जबर्दस्त बवाल हो गया। मदनी आरएसएस चीफ के उस बयान का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था- हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं। मदनी ने कहा- तुम्हारे पूर्वज हिंदू नहीं, मनु थे यानी आदम। उनके इस बयान के विरोध में अधिवेशन में पहुंचे अलग-अलग धर्मगुरु मंच छोड़कर चले गए।
दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना मदनी ने कहा- मैंने पूछा कि जब कोई नहीं था। न श्रीराम थे, न ब्रह्मा थे और न शिव थे; जब कोई नहीं था तो मनु पूजते किसको थे। कोई कहता है कि शिव को पूजते थे। बहुत कम लोग ये बताते हैं कि मनु ओम को पूजते थे। ओम कौन है? बहुत से लोगों ने कहा कि उसका कोई रूप-रंग नहीं है। वो दुनिया में हर जगह हैं। अरे बाबा इन्हीं को तो हम अल्लाह कहते हैं। इन्हें आप ईश्वर कहते हैं।
मौलाना मदनी के बयान का जैन मुनि लोकेश ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन लोगों को जोड़ने के लिए हो रहा है। ऐसे में इस तरह का बयान कहां जायज है। मुनि लोकेश ने मंच पर यह बात कही। इसके बाद वे कार्यक्रम से उठकर चले गए। उनके बाद दूसरे धर्मों के संतों ने भी कार्यक्रम छोड़ दिया।

