पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने एकबार फिर सीएम अशोक गहलोत को असहज करने वाला बयान दे दिया। उन्होंने पश्चिमी राजस्थान में गहलोत के गढ़ माने जाने वाले बाड़मेर में शनिवार को कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला हूं और बोलूंगा। चाहे किसी को बुरा लगे या अच्छा, मुझे फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, मैं इस बात का समर्थन करता हूं कि जब तक अधिकारी, राजनीति और फैसले लेने वाली कुर्सियों पर गांव-ढाणी के हमारे बेटे-बेटियां नहीं बैठेंगे, तबतक न्याय नहीं मिलेगा। हमारी बेटियां जंतर-मंतर पर धरने पर बैठी है, क्या यह सही है? पेपरलीक हो रहे, कैंसिल हो रहे हैं। समय पर न्याय नहीं मिल रहा है, ऐसा क्यों? कारण स्पष्ट है, उन कुर्सियों पर वो लोग है ही नहीं, जिनका दिल दुखे।
पायलट आज वनमंत्री हेमाराम चौधरी के पुत्र विरेन्द्र चौधरी की याद में बने हॉस्टल के लोकार्पण समारोह में आए थे। यहां आदर्श स्टेडियम में बड़ी सभा में बोलते हुए उन्होंने हेमाराम चौधरी के सादगीपूर्ण राजनीतिक जीवनन की तारीफ की और संकट की हर परिस्थिति में उनका साथ देने का आभार जताया।
मंत्री हेमाराम ने कहा, मैं परसराम मदेरणा के साथ रहा और आज भी हूं। मुझे मारवाड़ का किसान नेता बनाकर उनसे तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन मैं समझ गया। मैने शिवचरण माथुर को कहा था कि जिधर परसराम मदेरणा, उधर मैं। शीशराम ओळा हों या सचिन पायलट या फिर मेरी खुद की गुड़ामालानी की जनता।, जिसके साथ मैं रहा हूं कायम रहूंगा। उन्होंने कहा, चाहे मेरा कितना भी नुकसान हो जाए। मैं सचिन पायलट का ऋणी हूं कि मेरे बेटे के निधन बाद उन्होंने मुझे एक बार नहीं बार-बार संभाला, टूटने नहीं दिया। मेरे लिए पद मायने नहीं रखता, विश्वास बड़ी बात है।
हेमाराम चौधरी ने शहर के बीचोबीच 3 बीघा जमीन दी। उनकी बेटी सुनिता और दामाद तेजसिंह ने 86 कमरों का बड़ा अत्याधुनिक हॉस्टल मय शिक्षण सुविधा समर्पित किया जिसमें गांव ढाणी के होनहार और गरीब बच्चों को पढ़ाने की सुविधा रहेगी। हेमाराम के इकलौते पुत्र विरेन्द्र चौधरी का निधन 2013 में कैंसर से 38 साल की उम्र में हो गया था। वे बीकानेर कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर थे। बहन सुनिता ने भाई की याद में यह हॉस्टल निर्मित करवाया है।

