Saturday, December 2, 2023
Ad Space
Homeन्यूजसरकारी नौकरी बचाने को नहर में फेंकी बच्ची

सरकारी नौकरी बचाने को नहर में फेंकी बच्ची

बीकानेर में पांच महीने की बच्ची को नहर में फेंकने के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। बच्चों को उसके पिता ने ही इंदिरा गांधी नहर में फेंका था। हैरान करने वाली बात ये है कि संविदा पर मिली सरकारी नौकरी में परेशानी से बचने के लिए पिता ने बेटी अंशिका उर्फ अंशु को मार दिया। आरोपी के पहले से दो बच्चे हैं। तीसरी संतान रिश्तेदार को गोद दे रखी है। चौथी मासूम बच्ची हुई थी।

सूत्रों के अनुसार रविवार को कोलायत के दियातरा गांव में रहने वाले झंवरलाल और उसकी पत्नी मोटर साइकिल से इंदिरा गांधी नहर की पुलिया पर आए और बच्ची को नहर में फेंक दिया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस को जांच में पता चला कि रविवार शाम झंवरलाल पत्नी के साथ साले के यहां आया था। रास्ते में जाते वक्त इनके पास दो बच्चे थे। इसमें एक बेटा और एक बेटी थी। बेटी अंशिका उर्फ अंशु को रास्ते में नहर में फेंक दिया।

शाम 5 बजे हुई घटना की जानकारी मिलने के साथ ही छत्तरगढ़ व खाजूवाला एरिया में नाकेबंदी कर दी गई। जहां खाजूवाला के ट्रेनी सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने एक बाइक को रोका। इस पर पुरुष, महिला और एक बच्चा था। तीनों को रोककर पूछताछ करने पर उन्होंने साले के यहां आना बताया। शक होने पर मुकेश कुमार ने इन तीनों की फोटो खींच ली। बाइक का भी फोटो लिया। झंवरलाल का आधार कार्ड का फोटो भी मोबाइल में लिया। इसके बाद जाने दिया। आला अधिकारियों को इस बारे में बताया तो दियातरा से झंवरलाल के बारे में जानकारी ली गई। यहीं से पता चला कि वो एक नहीं दो बच्चों के साथ गया था। इसमें एक पांच महीने की बच्ची भी थी।

सूत्रों के अनुसार तो झंवरलाल इन दिनों संविदा पर सरकारी स्कूल में टीचर लगा हुआ है। उसे उम्मीद थी कि वो जल्द ही स्थायी हो जाएगा। नौकरी में शर्त है कि दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए। हालांकि एक बच्ची को नहर में फेंकने के बाद भी उसके तीन बच्चे हैं। इनमें एक बेटी उसने बड़े भाई को गोद दे रखी है। उसका अभी भी ये कहना है कि दुर्घटनावश ही बच्ची नहर में गिर गई थी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Ad Space

Most Popular

Recent Comments