दिल्ली हाईकोर्ट ने गांधी परिवार से जुड़े कर निर्धारण मामले को केंद्रीय सर्कल में ट्रांसफर करने के आयकर विभाग के फैसले को सही ठहराया है। इसके साथ ही कोर्ट ने केस ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि फेसलेस असेसमेंट द्वारा मूल्यांकन करने का कोई मौलिक या निहित कानूनी अधिकार नहीं है। असेसमेंट को कानून के अनुसार और बेहतर समन्वय के लिए ट्रांसफर किया गया है.।
जस्टिस मनमोहन और जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने कहा कि ये ट्रांसफर कानून के अनुरूप था। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने गुण-दोष के आधार पर मामले की जांच नहीं की है। पक्षकार उचित वैधानिक प्राधिकरण के समक्ष अपनी दलीलें रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
आईटी विभाग ने पांच गैर-लाभकारी संस्थाओं- संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट, यंग इंडियन और जवाहर भवन ट्रस्ट के आयकर एसेसमेंट को ट्रांसफर कर दिया था। इसे ही दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। चुनौती देने वालों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, आम आदमी पार्टी और अन्य चेरिटेबल ट्रस्ट शामिल थे।

