ट्रैफिक पुलिस के यातायात संभालने से ज्यादा लोगों के चालान काटने में सक्रिय रहने की आमधारणा की पुष्टि अब सरकारी आंकड़ों ने भी कर दी है। आंकड़ों में खुलासा किया गया है कि देशभर में उन चौराहों पर ज्यादा हादसे और मौतें होती हैं, जहां ट्रैफिक पुलिसकर्मी खड़े रहते हैं। इसकी तुलना में सिग्नल लगे चौराहों पर कम हादसे होते हैं। साल 2022 में ट्रैफिक पुलिस नियंत्रित चौराहों पर 2421 लोगों ने जान गंवाई, जबकि सिग्नल संचालित चौराहों पर 2238 जानलेवा हादसे हुए। भारत में सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में जारी रिपोर्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि टी-प्वाइंटों की स्थति सबसे ज्यादा खतरनाक है। इनपर 2022 में हुई दुर्घटनाओं में 12,101 लोगों की जान चली गई।