लोकसभा में व्यवसाई गौतम अडानी के खिलाफ खुलकर बोलने की सजा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को दिए जाने की तैयारी है। राहुल की तरह उनकी भी सांसदी छिन सकती हैं। हालांकि महुआ को पैसे लेकर संसद में सवाले पूछने के मामले में घेरा गया है। एथिक्स कमेटी की बैठक में महुआ मोइत्रा के खिलाफ रिपोर्ट को पास किया गया। कमेटी के चेयरमैन विनोद सोनकर ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार टीएमसी सांसद की पर लोकसभा सदस्यता जा सकती है। विस्तृत रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी जाएगी। वही अंतिम फैसला लेंगे।
विस्तार से…
एथिक्स कमेटी के चेयरमैन ने बैठक खत्म होने के बाद बताया कि महुआ खिलाफ रिपोर्ट पर छह सांसदों का समर्थन था, जिसके बाद इसे अडॉप्ट कर लिया गया। अब कमेटी की फैक्ट फाइंडिंग के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट और सिफारिश लोकसभा स्पीकर को भेजी जा रही हैं। अब अगला एक्शन स्पीकर ही लेंगे। रिपोर्ट को छह सांसदों ने समर्थन दिया था। इसमें कांग्रेस से निष्कासित सांसद परणीत कौर, शिवसेना शिंदे गुट के सांसद हेमंत गोडसे, भाजपा सांसद सुवेदनंद, राजदीप रॉय, अपराजिता सारंगी और चेयरमैन विनोद सोनकर शामिल हैं। इसके विरोध में बसपा के दानिश अली, कांग्रेस के नटराजन, वैनेटलिंगम, जदयू के गिरधारी यादव ने वोट डाले।
संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष सोनकर ने कहा था कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद महुआ-मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एथिक्स पैनल को दिए अपने 3 पेज के हस्ताक्षरित हलफनामे में दर्शन हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ अपनी दोस्ती को स्वीकार करते हुए दावा किया था कि लोकसभा सदस्य ने अडानी समूह पर हमला करने को प्रसिद्धि के मार्ग के रूप में देखा।