राजस्थान में ‘रेगिस्तान के जहाज‘ के रूप में ऊंट एक आदर्श सवारी रही है। राजस्थानियों को सड़कों, रेल और बिजली के बिना उस जीवन की याद है, जब आसपास घूमने के लिए ऊंट आवश्यक थे। आज भी जैसलमेर, बीकानेर और मंडावा आदि शहरों में ऊंट पर चढ़कर ग्राम्य जीवन का करीब से अनुभव किया जा सकता है। रेगिस्तान में ऊंट का आनंद ही कुछ औऱ है। प्रदेशवासी ऊंट औऱ ऊंटगाड़े को खूब सजाते भी हैं।