राजस्थान सरकार ने एक सितम्बर से क्लास 9 से 12 तक के स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है। इसके बाद भी प्रदेश के हजारों ऐसे स्कूल हैं, जहां रोजाना छात्र नहीं जा पाएंगे। तमाम ऐसे स्कूल हैं, जहां के क्लास रूम छोटे हैं और छात्र संख्या ज्यादा है। ऐसे में आधे छात्रों को एक दिन स्कूल बुलाया जाएगा और एक दिन छुट्टी दी जाएगी। फिर अगले दिन छूटे हुए छात्र स्कूल आ पाएंगे। इस तरह रोज आधे-आधे छात्र स्कूल जा पाएंगे। राज्य के 131 स्कूल में डी.ईएल.ईडी परीक्षा है, इसलिए 13 दिन बाद ही ऐसे स्कूल खोले जा सकेंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट कहा गया है कि स्कूल के पास जितने क्लास रूम हैं, उनके हिसाब से छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए बुलाया जाए। तमाम स्कूलों की स्थिति यही है, इसलिए यहां एक दिन गैप करके विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। आमतौर पर सरकारी स्कूल में कक्षा 11 व 12 में छात्र संख्या ज्यादा होती है। लेक्चरर और क्लास रूम के हिसाब से अधिकांश सरकारी स्कूल मंगलवार को बैच तैयार करके अपने छात्रों को सूचित करेंगे कि उनकी क्लास किस दिन से है। स्कूल के पास वॉट्सऐप ग्रुप पहले से बने हुए हैं, जिनका उपयोग अब होगा।
राज्य में अभी कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं बंद हैं। ऐसे में उन क्लास रूम में सोशल डिस्टेंस रखते हुए छात्रों को बुलाया जा सकता है, लेकिन लेक्चरर की संख्या कम होने के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में उतने ही छात्रों को बुलाया जाएगा, जितने लेक्चरर हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 11 व 12 में छात्र एडमिशन तो लेते हैं, लेकिन जाते नहीं हैं। साइंस के छात्र तो सिर्फ डमी रहते हुए नीट व जेईई की तैयारी करते हैं। ऐसे में छात्र संख्या के अधार पर अगर उनको एक दिन के अंतराल से बुलाया जाता है तो बहुत कम छात्र क्लास में होंगे। वैसे प्रिंसिपल को अपने स्तर पर बैच बनाने व बदलने का अधिकार है। आने वाले पांच-सात दिन में ही सरकारी स्कूलों की स्थिति स्पष्ट होगी।
