
लखीमपुर हिंसा के सातवें दिन मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष आज क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ। उसे क्राइम ब्रांच की ऑफिस में 11 बजे बुलाया गया था, लेकिन वह 10:36 पर 24 मिनट पहले पहुंच गया। रुमाल से उसने अपना मुंह छिपा रखा था। पुलिस उसे क्राइम ब्रांच के पिछले दरवाजे से भीतर ले गई। वह क्राइम ब्रांच के दफ्तर भाजपा विधायक के स्कूटर पर बैठकर पहुंचा था। पूछताछ के बाद उसका मेडिकल कराने और मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना था। उसकी गिरफ्तारी की अपुष्ट सूचना भी है।
आशीष से मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद बयान दर्ज किया गया है। उस समय आशीष के साथ उसके वकील और मंत्री अजय मिश्रा टेनी के प्रतिनिधि भी अंदर मौजूद रहे। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि आशीष 3 अक्टूबर को दिन में 2:36 से 3:30 बजे तक कहां था, इसका जवाब नहीं दे पाया है।
इसबीच, संयुक्त किसान मोर्चा ने अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाने के साथ गिरफ्तार करने, आशीष मिश्रा को भी गिरफ्तार करने की मांग की है।एसकेएम ने इस घटना को लेकर आगे के कार्यक्रमों का भी ऐलान किया। मोर्चा 18 अक्टूबर को देशव्यापी आंदोलन करेगा।
लखीमपुर पुलिस ने शुक्रवार को मंत्री के घर पर दोबारा नोटिस चिपकाकर कर आशीष को शनिवार को यानी आज 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले पुलिस ने गुरुवार को नोटिस लगाकर शुक्रवार को 10 बजे पेश होने के लिए कहा था, लेकिन आशीष नहीं पहुंचा। बाद में उसने एक चिट्ठी लिखकर बताया था कि वह बीमार है इसलिए 9 अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश होगा।
इधर, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने अपना मौन व्रत तोड़ दिया है। सिद्धू शुक्रवार को लखीमपुर पहुंचे थे। वह पहले हिंसा में मारे गए किसान लवप्रीत और फिर पत्रकार रमन के यहां पहुंचे। उन्होंने लिखकर कहा था कि जब तक केंद्रीय मंत्री का आरोपी बेटा गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब तक मौन धारण कर भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे। सिद्धू करीब 20 घंटे से मौन व्रत पर थे।
आशीष से पूछताछ के दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी लखीमपुर में ही मौजूद रहे। उन्होंनेभाजपादफ्तर की बालकनी में आकर समर्थकों को शांत कराया। उन्होंने कहा कि बेटा पूछताछ के लिए गया है। इस सरकार में निष्पक्ष जांच होगी। ऐसी-वैसी कोई बात नहीं है। ऐसी-वैसी कोई बात होगी तो हम आपके साथ हैं। अजय मिश्रा के इस बयान को एक तरह से गिरफ्तारी की स्थिति में सरकार के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है। कार्यालय पर मौजूद समर्थकों ने कहा कि आशीष भैया दंगल में थे। घटनास्थल पर किसानों के रूप में आतंकवादी थे। लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हिंसा के बाद पहली बार इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके बाद 5 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी, सीतापुर और बहराइच में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं। अब 8 अक्टूबर की शाम से लखीमपुर में इंटरनेट फिर से बंद कर दिया गया है।