दक्षिण में केरल के बाद अब उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में वर्षा ने कहर बरपाया है। राज्य में भारी बारिश के चलते हालात बेहद खराब हो गए हैं। यहां मंगलवार को 11 और लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा कुमाऊं क्षेत्र प्रभावित है, जहां कई मकान जमींदोज हो गए हैं और मलबे में कई लोग दबे हुए हैं। नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां तक आने वाली तीनों सड़कें भूस्खलन के चलते बाधित हो गई हैं। काठगोदाम स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे लाइन बह गई है।
राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 24 हो गया है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव एसए मुरुरेसन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। मौसम केंद्र के अनुसार बारिश ने कुमाऊं अंचल में सवा सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले 48 घंटे में बारिश के अकेले कुमाऊं में ही 17 लोगों की मौत हो गई। वहीं नैनीताल में 13, अल्मोड़ा में 4, उधमसिंहनगर और अल्मोड़ा में 1-1 लोग लापता भी हैं। सोमवार को पौड़ी में 3, चंपावत में 2 और पिथौरागढ़ में 1 व्यक्ति की मौत हो गई थी।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जल्द ही सेना के हेलिकॉप्टर यहां मदद और राहत पहुंचाने के लिए पहुंच जाएंगे। इनमें से दो हेलिकॉप्टरों को नैनीताल और एक को गढ़वाल भेजा जाएगा। सीएम ने लोगों से आग्रह किया कि वे घबराएं नहीं, उनकी सुरक्षा के सभी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने चारधाम यात्रियों से अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम साफ होने के बाद ही यात्रा को दोबारा शुरू करें। मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया।
बारिश से हल्द्वानी में गौला नदी पर बना पुल दरक गया है। पुल के बीचोबीच गड्ढा बन गया। पुल के एक छोर पर खड़े लोगों ने दूसरे छोर से आ रहे बाइक सवार को इस बारे में अलर्ट किया। नैनीताल में नैनी झील के पास माल रोड और नंदा देवी मंदिर में पानी भर गया है। यहां एक होस्टल बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं ऊधम सिंह नगर में नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं।

