
लेडी डॉन अनुराधा चौधरी को गुरुवार को अजमेर के सेंट्रल जेल की महिला बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। अनुराधा को कोर्ट ने पहले डीडवाना जेल भेजा था, लेकिन जेलर ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए असहमति जता दी। इसके बाद जयपुर जेल आईजी विक्रमसिंह ने बात कर अजमेर सेंट्रल जेल भेजने के आदेश जारी करवाए गए।
लेडी डॉन अनुराधा इंदर चंद अपहरण मामले में फरार चल रही थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे परबतसर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच डीडवाना कोर्ट लेकर आई। इस दौरान उसे काफी देर तक पुलिस सुरक्षा में गाड़ी में ही बैठाए रखा। पेशी का समय होने पर उसे कोर्ट में ले जाया गया। पेशी के बाद उसे डीडवाना जेल भेजने के आदेश दिए, लेकिन डीडवाना डिप्टी जेलर जितेन्द्र सिंह ने सुरक्षा का हवाला देते हुए असहमति जता दी। ऐसे में उसे अजमेर लाया गया।
जीवण गोदारा हत्याकांड के मुख्य गवाह प्रमोद को पक्षद्रोही करने की नीयत से तब जेल में बंद आनंदपाल के इशारे पर इंदर चंद का अपहरण डीडवाना से कर लिया गया था। इस अपहरण की मास्टरमाइंड अनुराधा चौधरी थी। बाद में महाराष्ट्र पुलिस के सहयोग से इंदरचंद को पुणे के पास से बरामद किया गया। तीन महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने कुख्यात गैंगस्टर और पति काला जठेड़ी के साथ लेडी डॉन अनुराधा चौधरी को यूपी के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय लेडी डॉन के पास से पिस्टल और जठेड़ी के पास रिवॉल्वर बरामद की गई थी। इसके बाद नागौर पुलिस उसे कुचामन के सट्टा कारोबारी को धमकाने और फायरिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी। पुलिस पूछताछ के बाद से ही वो परबतसर जेल में बंद थी।