
दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन कल बुधवार को खत्म हो सकता है। सिंघु बॉर्डर पर मंगलवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक भी इसी मुद्दे पर हुई थी। लेकिनकेस वापसी को लेकर एक पेंच फंस गया है। सरकार का कहना है कि आंदोलन खत्म करने के बाद केस वापसी का ऐलान करेंगे। वहीं,किसान चाहते हैं कि सरकार अभी इस पर ठोस आश्वासन दे।
किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पर आज ही घोषणा की तैयारी थी, लेकिन सरकार ने बीच में पेंच फंसा दिया। अगर सरकार संशोधित प्रस्ताव भेजेगी तो आंदोलन पर फैसला हो जाएगा।हरियाणा के 26 संगठनों ने कहा कि अगर बिना केस वापसी के किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया तो वे जाट आंदोलन की तरह फंस जाएंगे। जाट आंदोलन को भी सरकार ने इसी तरह खत्म कराया था। किसान अभी भी केस भुगत रहे हैं। ऐसे में हरियाणा के किसान संगठन अभी केस वापसी पर ऐलान की मांग कर रहे हैं। पंजाब के 32 संगठन भी इस मांग में उनके साथ हैं।
किसान नेता बलवंत सिंह बहिरामके ने कहा कि सरकार की ओर से जो मसौदा भेजा गया था, उसमें कुछ बिंदु बहुत साफ नहीं थे। इसलिए किसान नेताओं ने सरकार को ड्राफ्ट में कुछ संशोधन के लिए बोला है। सरकार इस पर अपना जवाब भेजेगी। बुधवार दोपहर 2 बजे होने वाली बैठक में सरकार के भेजेकेस वापसी और मुआवजे के मुद्दे पर केंद्र से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 सदस्यों की कमेटी बनाई है, जिसमें पंजाब से बलबीर राजेवाल, उत्तर प्रदेश से युद्धवीर सिंह, मध्यप्रदेश से शिव कुमार कक्का, महाराष्ट्र से अशोक धावले और हरियाणा से गुरनाम चढ़ूनी शामिल हैं।