
पिनाक रॉकेट लॉन्चर प्रणाली की क्षमता को बढ़ाते हुए भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शनिवार को हाई अपग्रेडेड वर्जन पिनाक-ईआर का सफल परीक्षण किया। जैसलमेर की सबसे बड़ी फील्ड फायरिंग रेंज पोकरण में इस मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का परीक्षण पूरा हुआ। डीआरडीओ ने इसे पुणे के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान व हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी के साथ मिलकर डिजाइन किया है। नागपुर में इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड ने इस रॉकेट का निर्माण किया है। इस लेटेस्ट तकनीक को भारतीय उद्योग क्षेत्र को सौंप दिया गया है।
पिनाक- ईआर पिछले एक दशक से सेना में सेवा दे रही पिनाक का अपग्रेड हाई वर्जन है। इस प्रणाली को नई टेक्नोलॉजी के साथ उभरती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। पिनाक एक्सटेंडेड रेंज सिस्टम, एरिया डेनियल मूनिशन और नए स्वदेशी फ्यूज के सफल परीक्षण किए गए।डीआरडीओ ने सेना के साथ मिलकर पिछले तीन दिनों के दौरान पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में इन रॉकेट की लॉन्चिंग की। हाई रेंज के पिनाक रॉकेट का अलग-अलग वारहेड क्षमताओं के साथ अलग-अलग रेंजों पर परीक्षण किया गया। परीक्षण के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक व संतोषजनक ढंग से पूरा किया गया।
सटीकता के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न रेंज और वारहेड क्षमताओं के लिए 24 रॉकेट दागे गए। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मिशन ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया। पिनाक रॉकेट सिस्टरम केवल 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता रखता है। इसका नाम भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक’ के नाम पर रखा गया है। इसे भारत और पाकिस्तादन से लगी सीमाओं पर तैनात करने के मकसद से बनाया गया है। हाल ही में चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर पिनाक रॉकेट सिस्टम को तैनात कर दिया है।