रीट पेपर लीक मामले में राजस्थान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रीट की लेवल-2 परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लेवल-1 की परीक्षा निरस्त नहीं होगी। अब रीट में 62 हजार भर्तियां होंगी। लेवल-2 की जो परीक्षा निरस्त हुई है, वह अगस्त तक होने की संभावना है।
गहलोत ने कहा कि रीट लेवल वन और लेवल 2 मिलाकर कुल 62 हजार हो जाएगी। लेवल वन के 15 हजार पद अलग रह जाएंगे। पहले की तरह ही एलिजिबिलिटी टेस्ट लेंगे। वेलिडिटी आजीवन ही रहेगी। विषयवार अलग से परीक्षा करवाई जाएगी। एलिजिबिलिटी टेस्ट के बाद भर्ती परीक्षा होगी। मई के बाद एक माह बाद खिसक जाएगा। जस्टिस व्यास की अध्यक्षता वाली कमेटी की 15 मार्च तक रिपोर्ट आएगी। रिपोर्ट मिलते ही परीक्षा की तारीख बता देंगे।
उल्लेखनीय है कि 26 और 27 सितंबर को इस परीक्षा को आयोजित किया गया था। इसमें करीब 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। रीट कुल 32 हजार पदों के लिए हुई थी। लेवल-1 के 15 हजार 500 और लेवल-2 के 16 हजार 500 पद थे, लेकिन परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया। इसके बाद यह 33 से ज्यादा सेंटर पर पहुंचा। गंगापुर सिटी से पहली बार पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद एसओजी ने इसकी जांच शुरू की तो सामने आया कि शिक्षा संकुल से पेपर लीक हुआ। एसओजी रामकृपाल, उदयलाल, भजनलाल, बत्तीलाल और पृथ्वीलाल समेत 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
रीट पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद सरकार लगातार घिरती नजर आ रही थी। भाजपा की ओर से परीक्षा रद्द करने की मांग हो रही थी। आज सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रीट सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा को तीन साल के कांग्रेस के शासन से फ्रस्ट्रेशन हो गया है, अब तो भाजपा हाईकमान भी स्थानीय इकाई को कह रहा है कि आप कर क्या रहे हो। आम जनता हमारे फैसलों से खुश है। हमारे कोरोना से लेकर हर फैसले शानदार रहे हैं। नॉन इश्यु को इश्यू बनाने का भाजपा ने धंधा खोलकर रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं, यह देखने की जरूरत है कि पेपर लीक क्यों हो रहे हैं। इसे रोकना चाहिए। पूरे देश में पेपर लीक करने वाला गिरोह सक्रिय है।
गहलोत ने कहा कि पेपर आउट होने के हालात चिंताजनक है। महंगाई के बाद रोजगार की हालत विस्फोटक बनी हुई है। बिहार में ट्रेन जला दी। बहुत सालों बाद ऐसा हुआ। यह सरकारों के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। नौकरी मिल नहीं रही, निवेश नहीं आ रहा। जब निवेश नहीं आएगा तो प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कैसे आएगी। हम सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में नौकरी देने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इस फैसले से खुश नहीं हैं, लेकिन भाजपा की हरकतों से तंग आ गए हैं। जिस तरह का माहौल बनाया है, वह राज्य के लिए ठीक नहीं है। हमने बच्चों के भविष्य के लिए यह फैसला किया है। इधर, एसओजी रीट पेपर लीक मामले में अब तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसकी आंच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तक भी पहुंच गई थी। इसके बाद चेयरमैन डीपी जारौली को बर्खास्त करना पड़ा, जबकि सचिव को निलंबित किया गया। को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को एसओजी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पेपर लीक का कनेक्शन जयपुर से बाड़मेर और जालोर तक पहुंच गया है।
