
रीट पेपर लीक मामले की सीबीआईजांच की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स उखाड़े और पुलिस से भिड़ गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वॉटर कैनन से पानी की बौछार की। प्रदर्शन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मौजूद रहे।
आज के विरोध प्रदर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समते उनके खेमे ने दूरी बनाए रखी। इससे पार्टी की अंदरूनी खींचतान भी उजागर हो गई। राजे के नजदीकी माने जाने वाले पुर्व मंत्री कालीचरन सराफ, प्रतापसिंह सिंघवी, विधायक अशोक लाहोटी आदि प्रदर्शन में नहीं दिखाई दिए।
विधानसभा कूच के दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र राठौड़ कार्यकर्ताओं के साथ बैरिकेड्स की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोककर पीछे धकेल दिया। इस दौरान राठौड़ और किरोड़ी की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने बल प्रयोग की चेतावनी देते हुए कहा कि आंदोनलकारी मान जाएं, नहीं तो बल प्रयोग किया जाएगा। थोड़ी देर बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सांकेतिक गिरफ्तारियां दीं। बताया जा रहा है कि पूनिया के गिरने से चोट भी लगी है।
विरोध प्रदर्शन के लिए सुबह नौ बजे से ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पहुंचना शुरू कर दिया था। यहां से कार्यकर्ता विधानसभा घेराव के लिए रवाना हुए। पुलिस ने बाईस गोदाम पुलिया के पास इन्हें रोक लिया। यहां धक्कामुक्की हुई और प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हे खदेड़ दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता वहीं सड़क पर बैठ गए। वहां सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सांकेतिक गिरफ्तारियां दीं।
पूनिया ने कहा कि रीट रद्द होने के बाद केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग है। एसओजी की अपनी सीमा है। प्रभावशाली लोगों पर वह कार्रवाई नहीं कर पा रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार मान नहीं रही है। रीट केस में 2 अक्टूबर,2021 को पूर्व शिक्षा मंत्री का बयान आया कि विपक्ष और भाजपा के लोग बेवजह इस मामले को तूल दे रहे हैं, भर्ती पूरी पारदर्शी तरीके से हुई है, कोई पेपर लीक नहीं हुआ है, बल्कि इस परीक्षा का नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया जा सकता है। पूनिया ने कहा, प्रदेश में ऐसी संगठित नकल कभी नहीं हुई। बेरोजगारों के हक पर सीधे-सीधे डाका पड़ा है।
रीट पेपर लीक मामले की सीबीआईजांच की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स उखाड़े और पुलिस से भिड़ गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वॉटर कैनन से पानी की बौछार की। प्रदर्शन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मौजूद रहे।
आज के विरोध प्रदर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समते उनके खेमे ने दूरी बनाए रखी। इससे पार्टी की अंदरूनी खींचतान भी उजागर हो गई।
विधानसभा कूच के दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र राठौड़ कार्यकर्ताओं के साथ बैरिकेड्स की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोककर पीछे धकेल दिया। इस दौरान राठौड़ और किरोड़ी की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने बल प्रयोग की चेतावनी देते हुए कहा कि आंदोनलकारी मान जाएं, नहीं तो बल प्रयोग किया जाएगा। थोड़ी देर बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सांकेतिक गिरफ्तारियां दीं। बताया जा रहा है कि पूनिया के गिरने से चोट भी लगी है।
विरोध प्रदर्शन के लिए सुबह नौ बजे से ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पहुंचना शुरू कर दिया था। यहां से कार्यकर्ता विधानसभा घेराव के लिए रवाना हुए। पुलिस ने बाईस गोदाम पुलिया के पास इन्हें रोक लिया। यहां धक्कामुक्की हुई और प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हे खदेड़ दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता वहीं सड़क पर बैठ गए। वहां सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सांकेतिक गिरफ्तारियां दीं।
पूनिया ने कहा कि रीट रद्द होने के बाद केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग है। एसओजी की अपनी सीमा है। प्रभावशाली लोगों पर वह कार्रवाई नहीं कर पा रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार मान नहीं रही है। रीट केस में 2 अक्टूबर,2021 को पूर्व शिक्षा मंत्री का बयान आया कि विपक्ष और भाजपा के लोग बेवजह इस मामले को तूल दे रहे हैं, भर्ती पूरी पारदर्शी तरीके से हुई है, कोई पेपर लीक नहीं हुआ है, बल्कि इस परीक्षा का नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया जा सकता है। पूनिया ने कहा, प्रदेश में ऐसी संगठित नकल कभी नहीं हुई। बेरोजगारों के हक पर सीधे-सीधे डाका पड़ा है।

