रूस और यूक्रेन में जंग के कारण हजारों की संख्या में भारतीय नागरिक यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयासरत है और अब तक 8-10 हजार के करीब छात्रों को वहाँ से निकाला जा चुका है। इस बीच ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। वहां छात्रों को जल्द से जल्द वापस लाने की मांग वाली याचिका लगाई गई है। याचिका में ये भी मांग की गई है कि कोर्ट भारत सरकार निर्देश दे। इसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पहले तो उक्रेन में फंसे नागरिकों को लेकर दुख जताया, फिर चीफ जस्टिस ने कहा, आप क्या चाहते हैं मैं पुतिन को कहूँ युद्ध रोक दें? क्या मैं उन्हें निर्देश दे सकता हूँ?
सुप्रीम कोर्ट में आज यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना ने यूक्रेन में फंसे छात्रों की स्तिथि पर दुख जताया। जब वकील ने कोर्ट से कहा, याचिकाकर्ता रोमानिया सीमा के पास फंस गया। उसके साथ और 30 छात्र भी हैं। इसपर सीजेआई रमना ने कहा, इसपर कोर्ट क्या करेगा? क्या मैं रूस के राष्ट्रपति को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकता हूं?
उन्होंने आगे कहा, सोशल मीडिया पर मैंने कुछ वीडियो देखे, जिसमें कहा गया था कि सीजेआई क्या कर रहे हैं! हमें उनसे सहानुभूति है। इसपर याचिकाकरता के वकील ने कहा, लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं। उनका ख्याल रखा जाना बेहद आवश्यक है। सीजेआई रमना ने कहा कि किसको ध्यान देने की आवश्यकता है? सरकार पहले से ही इसपर एक्शन ले रही है।
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन और रूस दोनों देशों के राष्ट्रपति के संपर्क में है। याचिककर्ता छात्रा के वकील ने जानकारी दी कि यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज की ये छात्रा है, वहाँ 250 छात्र फंसे हुए हैं। रोमानिया बॉर्डर से उनको नहीं निकाला जा रहा है, क्योंकि यूक्रेन बॉर्डर से उन्हें रोमानिया जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि सरकार हंगरी से छात्रों को वापस ला रही है और ये छात्र रोमानिया में फंसे हैं और बॉर्डर नहीं पार कर पाए हैं। इसपर अटार्नी जनरल ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत की। अपने एक मंत्री को रोमानिया भेजा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बॉर्डर पार करने के बाद वो वापस आ जाएं। इसलिए मैं जानना चाहता हूं कि समस्या क्या है। अटार्नी जनरल ने ये भी कहा कि ये छात्र क्यों बॉर्डर पार नहीं कर पा रहे इसे क्रॉस चेक किया जाएगा।
