मथुरा जिले के सौंख क्षेत्र के बछगांव में धुलंडी के दिन बड़े बुजुर्ग एक दूसरे के साथ गुलाल की होली खेलते हैं, जबकि छोटे बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। उसके बाद दोपहर में लोग एक दूसरे को चप्पल मार कर होली खेलना शुरू करते हैं। चप्पल मारने को लेकर आज तक कोई विवाद नहीं हुआ। गाँव के लोग इसे हजारों साल पुरानी परंपरा बताते हैं। इस गाँव में 20 हजार लोग रहते हैं और बड़े मजे से चप्पलमार होली खेलते हैं।
गाँव के बुजुर्ग बतातें हैं चप्पलमार होली खेलने की परंपरा भगवान श्री कृष्ण के समय से ही चली आ रही है। कहा जाता है कि होली के दिन श्री कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ ने प्यार से अपनी चप्पल भगवान श्री कृष्ण को मार दी थी। तभी से धुलंडी के दिन बछगाँव के लोग इस परंपरा को मनाते आ रहे हैं।
