चूरू जिले में देश प्रसिद्ध सालासर बालाजी मंदिर के पास सुजानगढ़-सालासर मुख्य मार्ग पर स्थित राम दरबार की मूर्तियों वाला भव्य प्रवेशद्वार रात के अंधेरे में ढहा दिया गया। राम दरबार लगी मूर्तियों वाला यह प्रवेश द्वार जेसीबी और बुलडोजर से तुड़वाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा और हिन्दू संगठनों में आक्रोश फैल गया। विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष चूरू विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने आंदोलन करने और मामले को विधानसभा में उठाने की चेतावनी देते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर गहलोत सरकार पर तंज कसा है।
सालासर-सुजानगढ़ मार्ग को फोरलेन बनाने के लिए सडक को चौड़ा किया जाना है। इस मार्ग पर राम दरबार की मूर्तियों वाला पत्थर का एक भव्य प्रवेश द्वार बना हुआ था, जिसे पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने गत 15 मार्च को जेसीबी से ढहा दिया। इसके लिये न तो पहले मूर्तियों को हटाया गया और न ही हिन्दू संगठनों को सूचना दी गई। ठेकेदार ने सीधे ही इस द्वार को नीचे गिरा दिया। 16 मार्च को हिन्दू संगठनों को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने मौके पर रास्ता जाम कर प्रर्दशन किया।
उसके बाद पीडब्ल्यूडी एईएन बाबूलाल वर्मा और जेईएन नंदलाल मुवाल ने माफी मांगते हुए कहा सड़क बनने के बाद जब भी प्रवेश द्वार बनाया जाएगा, उसमें रामदरबार की मूर्तियां वापस लगा दी जाएंगी। होली का त्यौहार होने की वजह से एकबारगी वहां धरना स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब उसका विडियो वायरल हुआ तो आमजन के साथ ही हिन्दूवादी संगठनों में आक्रोश फैल गया। इससे यह मामला फिर तूल पकड़ने लग गया है।
इस मामले में गहलोत सरकार के कैबिनट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गेट को हटाने से पहले भगवान राम की मूर्ति को उचित तरीके से दूसरे स्थान पर ले जाया जाना चाहिए था।
