चीन समेत दुनिया के कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार पढ़ाई और तमाम व्यापारिक गतिविधियों के लिए विदेश यात्रा करने वाले नागरिकों को बूस्टर डोज देने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि सरकार ऐसे नागरिकों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर देने की अनुमति दे सकती है। हालांकि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या ऐसे लोगों को प्रिकॉशन डोज के लिए भुगतान करना चाहिए और क्या ये खुराक निजी टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
यह निर्णय इसलिए भी अहम है क्योंकि केंद्र सरकार ने रविवार से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी है। हालांकि कई देशों ने उन लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिन्हें अभी तक कोविड वैक्सीन का बूस्टर शॉट नहीं मिला है।
इस प्रस्तावित फैसले से उन लोगों को काफी मदद मिल सकती है, जो विभिन्न कारणों से विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। इस संबंध में स्वयं लोगों द्वारा बूस्टर शॉट्स की अनुमति मांगने के लिए विदेश मंत्रालय को कई आवेदन मिले हैं। यही वजह है कि सरकार इस पर सोचने के लिए मजबूर हो गई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस बात को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय सक्रिय रूप से उन लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज की अनुमति देने पर विचार कर रहा है, जो नौकरी के लिए विदेश यात्रा करना चाहते हैं तथा विदेशी शिक्षण संस्थानों में दाखिला, खेल टूर्नामेंट में भाग लेने, द्विपक्षीय व बहुपक्षीय बैठकों में भारत के आधिकारिक हिस्से के रूप में, बिजनेस के सिलसिले में विदेश यात्रा करना चाहते हैं।
इससे पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि सरकार सभी वयस्कों को कोविड -19 वैक्सीन का बूस्टर डोज देने पर विचार कर सकती है। अभी तक सिर्फ हेल्थ वर्कर, फ्रंट लाइन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग ही वैक्सीन के बूस्टर डोज के लिए पात्र हैं।
