दो बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां- पेटीएम मॉल और स्नैपडील पर तगड़ा जुर्माना लगाया गया है। उत्पाद बेचने में हो रही लापरवाही को लेकर ये जुर्माना लगाया गया है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की ओर से इन ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रधिकरण ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से तय मानकों की अनदेखी करने पर पेटीएम मॉल और स्नैपडील के खिलाफ 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इससे पहले भी नवंबर में अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, शॉपक्लूज और पेटीएम मॉल को मानकों की अनदेखी को लेकर नोटिस जारी किया जा चुका है।
ये दोनों कंपनियां भारतीय मान ब्यूरो की ओर से तय मानकों की अनदेखी करते हुए प्रेशर कुकर बेच रही थीं। ये प्रेशर कुकर घरेलू प्रेशर कुकर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश-2020 (क्यूसीओ) का अनुपाल नहीं करते थे। कंपनियों को बेचे गए प्रेशर कुकर्स को वापस मंगाने और ग्राहकों की ओर से दी गई राशि को वापस करने का आदेश दिया गया है। पेटीएम मॉल ने प्रिस्टीन और क्यूबा कंपनियों के प्रेशर कुकर बेचे थे।
उनके विवरण में ये साफ था कि इन कुकर पर आईएसआई मार्क नहीं है। वहीं, स्नैपडील ने सारांश एंटरप्राइजेज और एजी सेलर्स के कुकर बेचे जो तय मानकों के अनुरूप नहीं थे। जुर्माना लगाए जाने के बाद स्नैपडील ने अपनी सफाई दी। कंपनी ने नियामक के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह सिर्फ बिचोलिया है और विक्रेता की ओर से उनके प्लेटफॉर्म पर बेची जा रही सामग्री से जुड़ी जानकारी देने की जिम्मेदारी उसकी नहीं है।
नियामक ने स्नैलडील की सफाई पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उसने कहा कि कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर होने वाले हर लेन-देन से मुनाफा कमाती है, ऐसे में सामग्री से जुड़े ऐसे मामले सामने आने पर कंपनी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। नियामक ने दोनों कंपनियों को 45 दिन के अंदर अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया।
स्नैपडील ने कहा कि उसके लिए उपभोक्ताओं का हित सबसे पहले है, लेकिन वह नियामक के फैसले को चुनौती देगा। स्नैपडील, नियामक ने बीआईएस अधिनियम, कोपरा और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 के तहत ऐसे मामलों में बाजार और विक्रेता की जिम्मेदारियां तय हैं, जिनकी अनदेखी की गई है। स्नैपडील ने यह भी कहा है कि वह उन सभी उपभोक्ताओं को मानक अनुरुप प्रेशर कुकर भेजेगी, जिन्हें यह खराब कुकर बेचे गए थे।
