
जहांगीरपुरी में दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि एमसीडीकी कार्रवाई पर रोक बरकरार रहेगी। इस मामले पर सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी। अब दो हफ्ते तक एमसीडीजहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है। इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि अवैध निर्माण बुल्डोजर से ही गिराए जाते हैं और पूरे देश में ऐसी कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
मतलब, सुप्रीम कोर्ट का आदेश फिलहाल सिर्फ जहांगीरपुरी में चल रही कार्रवाई को लेकर है। इस फैसले का उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में हो रही ऐसी ही कार्रवाई पर असर नहीं पड़ेगा। जहांगीरपुरी मामले में ऑपरेशन बुल्डोजर के खिलाफ दायर याचिका पर दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल ने पैरवी की। एमसीडीकी ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे। पैरवी जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच के सामने की गई। कांग्रेस की 15 सदस्यों का एक डेलीगेशन अजय माकन के नेतृत्व में जहांगीरपुरी में कल हुए बुल्डोजर अभियान से प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंचा। लेकिन इनको पीड़ितों से नहीं मिलने दिया गया। प्रतिनिधिमंडल को वहीं रोक दिया, जहां हिंसा हुई थी। रोके जाने पर अजय माकन ने कहा, हम यहां लोगों को यह बताने आए हैं कि इसे धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।