
राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में तीन हिंदू मंदिरों को गिराने का मामला सामने आया है। मास्टर प्लान में अतिक्रमण की आड़ में राजगढ़ प्रशासन ने तीन मंदिरों को गिरा दिया। इनमें एक मंदिर 300 साल पुराना था। इन मंदिरों में लगी भगवान शिव, हनुमान जी समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर दिया। स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने बलपूर्वक उनको हटा दिया।
इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने रोष व्यक्त किया है। इस मामले में स्थानीय विधायक, एसडीएम और ईओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए परिवाद दी गई है।
हिंदूवादी संगठनों की ओर से एसडीएम केशव कुमार, नगरपालिका अधिशासी बनवारी लाल मीणा पर साजिशन दंगा भड़काने के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि पुलिस ने शिकायत लेने के बाद कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मास्टर प्लान को लेकर नगरपालिका बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसके बाद 81 लोगों को अप्रैल में नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस में कहा गया था कि सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमित जगहों को खाली कराया जाएगा। 17 अप्रैल को अतिक्रमण हटाया गया था। घटना का वीडियो वायरल होने पर हिंदूवादी संगठनों की ओर से प्रदर्शन और विरोध शुरू हुआ है। स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण हटाने वक्त कोई विरोध नहीं किया, लेकिन हिंदूवादी संगठन इससे बेहद नाराज है। गुरुवार शाम हिंदूवादी संगठनों ने थाने में जाकर परिवाद दर्ज कराया था।
उधर, कांग्रेस विधायक का वीडियो सामने आया है जिसमें जौहरी लाल मीणा ये कह रहे हैं कि कांग्रेस का बोर्ड होता तो बुलडोजर नहीं चलता। अब बबूल का पेड़ बोया है तो आम कहां से आएगा। आप 34 पार्षदों को मेरे घर लेकर आओ कार्रवाई रुक जाएगी। विधायक के इसी बयान को लोग मंदिर तोड़ने से जोड़ रहे हैं। दरअसल, राजगढ़ में फिलहाल भाजपा का बोर्ड है।
उधर, राजस्थान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि भाजपा झूठ बोल रही है। राजगढ़ नगरीय निकाय बोर्ड का चेयरमैन बीजेपी का है। उन्हीं ने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर सड़क चौड़ीकरण के लिए मंदिरों और घरों को गिराया है। उन्हीं के इशारे पर मंदिर को तोड़ा गया है। जबकि हमारा यानी कांग्रेस का विधायक विरोध करते रह गया। गहलोत सरकार के मंत्री ने वादा किया है कि अगर कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो मंदिर दोबारा बनवाएंगे।