
राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुईं अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने आरोप लगाया था कि गिरफ्तारी करने के बाद उन्हें पूरी रात पानी नहीं दिया गया। अनुसूचित जाति का बताकर उन्हें रातभर वॉशरूम इस्तेमाल नहीं करने दिया गया। इसके जवाब में मंगलवार को मुंबई पुलिस कमिश्नर ने एक वीडियो जारी कर सांसद के आरोप को गलत साबित कर दिया।
कमिश्नर संजय पांडे ने वीडियो के आधार पर दावा किया कि राणा दंपती गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन में आराम से बैठे थे। उन्हें चाय भी ऑफर की गई थी।इसबीच, राणा दंपती पर दर्ज राजद्रोह के मामले में कोर्ट में अब 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। दोनों ने राजद्रोह की याचिका खारिज करने और जमानत देने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा- आज अदालत के पास बहुत पेंडिंग केस थे, जिसके बाद उनके आग्रह पर हम इस बात पर राजी हो गए हैं कि जमानत अर्जी पर 29 अप्रैल को सुनवाई होगी।
इससे पहले हॉलिडे कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर तुरंत सुनवाई से मना करते हुए 29 अप्रैल की तारीख तय की। मंगलवार को अर्जी खारिज होने के बाद उनके पास बॉम्बे हाईकोर्ट का विकल्प है। अदालत के आदेश के बाद 6 मई तक नवनीत राणा मुंबई के भायखला जेल में और रवि राणा नवी मुंबई के तलोजा जेल में रहेंगे। राणा दंपती ने शनिवार को मुख्यमंत्रीउद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
इससे पहले सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राणा दंपती की दूसरी एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए जमकर फटकार लगाई। इस एफआईआरमें दोनों पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि किसी के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना, किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। राणा दंपती की वजह से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या पैदा हो गई थी। पुलिस की इस बात में तथ्य है। याचिकाकर्ता (राणा दंपती) एक जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए उनकी जवाबदारी भी बड़ी है। बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। यह सबको पता है। इसलिए ऐसे लोगों को कुछ भी जिम्मेदारी की भावना से बोलना चाहिए, इसकी अपेक्षा की जाती है।
इधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए राणा दंपती की गिरफ्तारी के बाद राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर नवनीत राणा केस में पूरी जानकारी मांगी गई है। खार थाने में राणा दंपती संग हुए अमानवीय व्यवहार पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। लोकसभा विशेषाधिकार और आचार समिति ने गृह मंत्रालयसे रिपोर्ट मंगाने को कहा था।