
दौसा की डॉक्टर अर्चना शर्मा सुसाइड केस में पुलिस ने आज मुख्य आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बल्या जोशी उर्फ शिवशंकर जोशी सुसाइड की घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर 5 हजार रुपए का ईनाम भी रखा था। मरीज की मौत होने पर बल्या जोशी और उसके कुछ साथियों ने डॉक्टर के अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया था। इसके चलते पुलिस ने डॉक्टर अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया था। सरकार ने इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसपी दौसा को जिले से हटा दिया। साथ ही एसएचओ और सीओ को सस्पेंड कर दिया।
डॉक्टर सुसाइड केस के बाद जब प्रशासन और लोगों में घटना को लेकर आक्रोश जताया तो धरना देने वाले और डॉक्टर परिवार को परेशान करने वाले कुछ लोग गायब हो गए। जांच अधिकारी ने इन लोगों को नामजद किया। एफआईआर में बल्या जोशी मुख्य आरोपी बताया गया, जिसकी पुलिस तलाश कर रही थी।वह बचता फिर रहा था। बल्या ने गिरफ्तार होने पर कहा कि वह बेगुनाह है। उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है। धरने पर वह 6 घंटे लेट पहुंचा था। पुलिस ने दबाव में एफआईआर में उसका नाम लिखा है। इस पूरी घटना से उसका कोई लेना देना नहीं है। परिवार में विवाद के चलते डॉक्टर अर्चना शर्मा ने ये कदम उठाया है।
इस मामले में भाजपा प्रदेश मंत्री और पूर्व विधायक जितेन्द्र गोठवाल,भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरकेश मीणा,एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश पदाधिकारी हरकेश शाहपुरा समेत सात आरोपी जेल में है।डॉ. अर्चना शर्मा का लालसोट (दौसा) में हॉस्पिटल है। एक महीने पहले डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया। मामला दर्ज होने के बाद अर्चना शर्मा (42) ने सुसाइड कर लिया। अर्चना शर्मा के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था।