
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच एक राहत की खबर आई है। केन्द्र सरकार बूस्टर डोज की समय अवधि घटाने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो जल्द ही बूस्टर डोज ज्यादा से ज्यादा लोगों को लगनी शुरू हो जाएगी।
सरकार जल्द ही कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच के अंतराल को कम कर सकती है।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह इस अंतराल को कम करने का पक्षधर है। इसकी सिफारिश वो जल्द ही सरकार से कर सकता है, जिसपर 29 अप्रैल को बैठक होने वाली है।
आईसीएमआरकी हालिया रिपोर्ट में ये पता चला था कि प्रारंभिक टीकाकरण से करीब छह महीने बाद एंटीबॉडी का स्तर कम होने लगता है। ऐसे में आईसीएमआर ने जल्द बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दी थी। बूस्टर खुराक देने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।यही वजह है कि जांच के आधार पर अब वैक्सीनेशन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच का अंतर 9 महीने से घटा कर 6 महीने किया जा सकता है।कोरोना से जंग के बीच वैक्सीन के दूसरे डोज और बूस्टर डोज के बीच की अवधि कम करने को एक्सपर्ट भी सही मानते हैं। देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक लग चुकी हैं। यही वजह है कि दुनियाभर में फैले ओमिक्रॉन और उसके सब वैरिएंट का भारत में ज्यादा असर नहीं देखने को मिला है। तीसरी लहर भी बेअसर साबित हुई। ऐसे में सरकार चौथी लहर की आहट के बीच बूस्टर डोज लगवाने पर जोर दे रही है।