जोधपुर शहर में अब उपद्रव नहीं है। माहौल शांत हो चुका है, लेकिन दंगों की दहशत लोगों में बरकरार है। आज बुधवार को सुबह मामला शांत होने के बाद भी कई बच्चे स्कूल में परीक्षा देने नहीं पहुंचे। माता-पिता ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। क्योंकि डर था कि कब-कैसे फिर दंगे भड़क जाएं। दंगा प्रभावित इलाके में दंगाइयों ने एक के बाद एक दो बाइक को आग लगा दी थी। इसी के सामने श्री सुमेर पुष्टिकर स्कूल है। स्कूल के सामने सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास का मकान भी है।
जोधपुर शहर के 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है। यह स्कूल भी कर्फ्यू प्रभावित एरिया में है। बुधवार को 11वीं क्लास के 64 बच्चों की हिंदी की परीक्षा थी। लेकिन, मंगलवार को हुए दंगों के बाद अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। सुबह करीब 9 बजे तक 20 बच्चे ही परीक्षा देने आए। इस पर प्रिंसिपल नीतू पुरोहित ने एक-एक पेरेंट्स को फोन किया और बच्चों को परीक्षा देने के लिए तैयार किया। लेकिन, डर के मारे पेरेंट्स ने परीक्षा दिलाने से ही मना कर दिया। प्रिंसिपल पुरोहित ने बताया कि हमने एक-एक बच्चे के पेरेंट्स से बात की और बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली। तब जाकर पेरेंट्स बच्चों को स्कूल तक छोड़ने आए।
प्रिंसिपल ने बताया कि दंगों के कारण पहली बार परीक्षा पैटर्न में बदलाव करना पड़ा। पहले 8 बजे तक प्रवेश देकर 5 मिनट में परीक्षा शुरू कर दी जाती थी। लेकिन, बुधवार को जैसे-जैसे बच्चे आए, उन्हें परीक्षा दिलाई गई। उन्होंने बताया कि स्कूल आने के बाद भी बच्चे डरे हुए थे।
