सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने वित्तीय संकट के कारण अपनी 13 फीसदी शाखाएं बंद करने का मन बना लिया है। कई वर्षों से बैंक पर वित्तीय दबाव था और अंततः इस बैंक ने अपनी 600 शाखाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। सेंट्रल बैंक मार्च 2023 तक देशभर में अपनी करीब 600 शाखाओं को बंद करने या फिर घाटे में चल रही शाखाओं का विलय करने पर विचार कर रहा है। देशभर में इस बैंक की 4594 शाखाएं हैं। एक सरकारी सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ये निर्णय लेना काफी कठिन था। ये कदम वित्तिय हालात में सुधार के लिए उठाया गया है और इसके बाद अचल संपत्ति जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियों की बिक्री होगी।
वर्ष 2017 में सेंट्रल बैन ऑफ इंडिया समेत कई ऐसे बैंक जो खराब वित्तीय हालत से गुजर रहे थे, उन्हें आरबीआई के प्रॉम्पट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) की लिस्ट में डाल दिया था। पीसीए के तहत एक बैंक को नियामक द्वारा अधिक जांच का सामना करना पड़ता है और उधार व जमा प्रतिबंध, शाखा विस्तार और किराए पर लेने से रोक और उधार पर अन्य लिमिटेशन का सामना करना पड़ता है।
वर्ष 2018 में आरबीआई के पीसीए फ्रेमवर्क के तहत 12 बैंकों को रखा गया था, जिसमें केवल एक निजी बैंक शामिल था। इस फ्रेमवर्क में रखे गए कई बैंक तो लिस्ट से बाहर आ गए, लेकिन सेंट्रल बैंक के वित्तीय हालात में सुधार नहीं हुआ। ऐसे में सेंट्रल बैंक को अपनी 13 फीसदी शाखाओं को बंद करने पर विचार किया जा रहा है। सेंट्रल बैंक को उम्मीद है कि इस निर्णय के बाद बैंक की वित्तीय हालत में सुधार आएगी।
