राजस्थान में 17 अपराधियों को फांसी पर लटकाया जाना है, लेकिन पुलिस महकमे में जल्लाद ही नहीं है। ऐसे में दोषियों को सजा कब मिलेगी, इसपर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। बूंदी में नाबालिग से गैंगरेप और हत्या के दो दोषियों को एक साथ फांसी की ऐतिहासिक सजा सुनाए जाने के बाद की गई पड़ताल में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
पड़ताल में सामने आया कि 17 अपराधी हैं, जिन्हें फांसी की सजा तो सुनाई गई, लेकिन अभी तक सजा नहीं मिली है। इन दोषियों में 13 बलात्कारी हैं। इंतजार और कितना लंबा होगा, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में पिछले 25 साल में एक भी दोषी को फांसी नहीं दी गई। राज्य पुलिस के पास फांसी का फंदा लगाने वाला और फांसी पर चढ़ाने वाला ‘जल्लाद’ नहीं है।
राजस्थान में आखिरी बार 1997 में बर्बर हत्याकांड के एक दोषी को फंदे से लटकाया गया था। अब मौजूदा परिस्थितियों में उन पीडित परिवारों को बहुत निराशा हो रही है, जो वो दिन आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब उन्हें दर्द देने वाले दरिंदे को फांसी पर चढाया जाएगा। इनमें से झुंझुंनू का वो परिवार भी है, जिसकी 3 साल की मासूम की रेप के बाद निर्ममता से हत्या कर दी गई थी।
