
अप्रैल महीने के खुदरा मुद्रास्फीति 7.79 फीसदी के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। वहीं खाद्य मुद्रास्फीति 8.38 फीसदी पर रही। खाने-पीने के सामान से लेकर तेल के दाम बढ़ने के कारण महंगाई 8 साल के पीक पर पहुंच गई है। गुरुवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 7.79 फीसदी हो गई। मई 2014 में महंगाई 8.32 थी। इससे पहले मार्च में खुदरा महंगाई 6.95 फीसदी रही थी, जो 17 महीने का उच्च स्तर था।
यह लगातार चौथा महीना है, जब महंगाई दर रिजर्व बैंककी 6 फीसदी की ऊपरी सीमा के पार रही है। फरवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.07 फीसदी, जनवरी में 6.01 फीसदी और मार्च में 6.95 फीसदी दर्ज की गई थी। एक साल पहले अप्रैल 2021 में रिटेल महंगाई दर 4.23 फीसदी थी।
बीते दिनों रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष की अपनी पहली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के बाद महंगाई के अनुमान को बढ़ाते हुए पहली तिमाही में 6.3 फीसदी, दूसरी में 5 फीसदी, तीसरी में 5.4 फीसदी और चौथी में 5.1 फीसदी कर दिया था। इसके बाद आपात मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में महंगाई की चिंताओं के कारण ब्याज दरों को 0.40 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया था।