राजस्थान में शिक्षक तबादले के लिए हर बार की तरह इस बार भी जयपुर में कैंप लगेंगे। तबादला नीति नहीं बनने के कारण जनरल गाइडलाइन तय की जा रही है, जिसके आधार पर हजारों की संख्या में शिक्षकों को इधर से उधर करने की कवायद होगी। तबादले का सबसे बड़ा आधार क्षेत्र के कांग्रेस या फिर सरकार समर्थक विधायक की डिजायर होगी। सब कुछ सही रहा तो बीस जून से पहले जयपुर में ये कैंप शुरू हो जाएगा।
बार-बार घोषणा के बाद भी शिक्षा विभाग की तबादला नीति तैयार नहीं हो पाई है। ऐसे में मार्गदर्शन जारी किए जाएंगे। तबादले का आधार इन्हीं निर्देशों को बनाया जाएगा, हालांकि कोई तय नीति नहीं होने के कारण सरकार के निर्देश पर इनसे हटकर भी तबादले हो सकते हैं। ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादलों को लेकर अब तक संशय बना हुआ है। ग्रेड थर्ड के तबादले शुरू करते ही प्रदेशभर के विधायकों की नाराजगी सरकार को मोल लेनी पड़ सकती है। वहीं हर बार की तरह इस बार भी लेक्चरर, प्रिंसिपल के तबादले पहली खेप में होंगे। किसी भी स्थिति में 25 जून से पहले कोई बड़ी सूची जारी नहीं होगी। बड़ी सिफारिश वाले टीचरों की इक्का दुक्का सूची आ सकती है।
तबादले के सामान्य दिशानिर्देशों के तहत संभावना है कि कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित को शहरी क्षेत्र में तबादला दिया जाएगा। एक महिला या विधवा-परित्यक्ता को शहर में तबादला दिया जा सकता है। एक समय सीमा तय की जाएगी, उतने वर्ष की ग्रामीण सेवा होने पर तबादला किया जा सकता है। प्रतिबंधित जिलों से बाहर किसी का तबादला नहीं होगा। प्रतिबंधित जिलों से बाहर तबादले के लिए अलग से नियम हो सकते हैं। किसी भी महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बिना इंटरव्यू तबादले नहीं होंगे। सिर्फ रिक्त पदों पर ही तबादले हो सकते हैं। अन्यथा वाइस वरसा करते हुए एक-दूसरे की जगह भेजा जा सकता है। लंबे समय से शहर में जमे शिक्षकों को गांव की नौकरी करनी पड़ सकती है।
विभाग का प्रयास है कि एक जुलाई से शुरू हो रहे स्कूल्स के नए सेशन से पहले तबादला आदेश जारी हो जाएं, ताकि स्कूल खुलने तक संबंधित शिक्षक नई जगह पहुंच जाएं।
