अग्निपथ का विरोध थमने के बजाए और बढ़ता जा रहा है। इस विरोध में राजनीतिक दलों के उतरने से इसकी व्यापकता और बढ़ने की आशंका है। आज चौथा दिन उत्तर प्रदेश, बिहर, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा समेत कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं।
बिहार के मसौढ़ी में आज बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से दुकानें बंद रहीं। युवकों ने पूरे शहर और जीआरपी को बंधक बना लिया। युवकों ने सड़क से लेकर तारेगना स्टेशन तक पत्थरबाजी की। स्टेशन में भारी आगजनी की गई। पुलिस औऱ छात्रों की ओर से देर तक रूक-रूक कर फायरिंग हुई। प्रदर्शनकारी युवकों ने जीआरपी कार्यालय के पास सरकारी गाड़ी जला दी। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है।
बिहार में उग्र प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार से गुजरने वाली ट्रेनें आज से 20 जून तक रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक ही चलेंगी।
यूपी के जौनपुर के सिकरारा थाना क्षेत्र स्थित बरगुदर पुल व लाला बाजार के बीच सवा घंटे तक दो सौ से अधिक युवको ने जमकर बवाल किया। सड़क पर लाठी डंडा लेकर उतरे इन युवाओं ने रोडवेज की चार बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया। एक सबइंस्पेक्टर की बुलेट व कोबरा की एक अपाची बाइक को आग के हवाले कर दिया। उधर, तेलांगाना में भी पुलिस के फायरिंग करने के समाचार हैं। लुधियाना में भी प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की। हालात को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
हावड़ा और पश्चिम बंगाल के अन्य स्टेशनों से शनिवार को रवाना होने वाली दो शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों सहित 13 ट्रेनों को अग्निपथ विरोध प्रदर्शन के कारण रद्द कर दिया गया है। भले ही पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन नहीं हुए, लेकिन केंद्र की नई ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना के खिलाफ बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में चल रहे हिंसक आंदोलन के कारण ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विरोध
इसबीच. अग्निपथ योजना का विरोध सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सेना में भर्ती की इस योजना की एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर जांच कराने की मांग की गई है। अर्जी में कहा गया है कि कमेटी का चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस को बनाया जाना चाहिए। कमेटी की ओर से यह समीक्षा होनी चाहिए कि यह भर्ती योजना सेना और देश की सुरक्षा पर क्या असर डालेगी। इसके बाद ही इसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए।
