
अयोध्या में राम मंदिर के लिए हर राम भक्त दिल खोलकर सहयोग दे रहा है। इसमें नगद रुपयों से लेकर सोना, चांदी, पत्थर और तरह-तरह के सहयोग शामिल है।
मंदिर निर्माण के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी 2021 तक समर्पण निधि अभियान चलाया गया था। यह समर्पण निधि अभियान इतना बड़ा था कि इसमें 9,00,000 कार्यकर्ताओं ने 175 हजार टोलियां बनाकर घर-घर जाकर 10 करोड़ परिवारों से संपर्क किया। समन्वय के लिए 49 नियंत्रण केंद्र बने थे और 23 विशेषज्ञों की टीम ने इस पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखी। सूत्रों के अनुसार अब तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए 5000 करोड़ से अधिक रुपये का समर्पण हो चुका है। मंदिर निर्माण पर अभीतक हुए खर्च के बाद अब 3500 करोड़ से अधिक धनराशि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खातों में जमा है।
राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल बताते हैं कि अभी बहुत से ऐसे समर्पण निधि केंद्र हैं, जिनका डेटा ट्रस्ट के पास नहीं पहुंचा है। ऐसे समर्पण केंद्रों की संख्या 35 से अधिक है। इनके हिसाब किताब का ब्यौरा प्राप्त होने और ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद यह तय हो पाएगा कि अब तक कितनी धनराशि समर्पण निधि के रूप में ट्रस्ट को प्राप्त हो चुकी है। मंदिर निर्माण के लिए लोगों ने नगद राशि के साथ-साथ चेक और सोने चांदी का भी दान दिया है। ट्रस्टी चौपाल ने बताया कि करीब 4 कुंतल चांदी और कुछ सौ ग्राम सोना राम भक्तों ने दान दिया है। एक और ट्रस्टी अनिल मिश्र ने बताया कि सोने-चांदी का जो सामान राम भक्तों से मिला है उसे स्टेट बैंक आफ इंडिया के लॉकर में रखवा दिया गया है। स्टेट बैंक के अलावा पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता है और इन सभी में समर्पण निधि की राशि जमा है।