अजमेर दरगाह को लेकर किए गए दावों पर कार्रवाई नहीं होने पर महाराणा प्रताप सेना ने नाराजगी जताई है। सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने अब जयपुर में मुख्यमंत्री आवास के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने तीन जुलाई को 500 कार्यकर्ताओं के साथ हनुमान चालीस पाठ करने की अनुमति मांगी है।
परमार ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में बताया कि अजमेर दरगाह है या शिव मंदिर, इसके लिए पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से सर्वे कराने की मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की गई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में वे दो जुलाई को दिल्ली से जयपुर के लिए कूच करेंगे और जयपुर में मुख्यमंत्री आवास के बाहर 3 जुलाई को सुबह साढे़ 10 बजे हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। परमार ने इसके लिए राजस्थान के मुख्य गृह सचिव को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर 500 कार्यकर्ताओं के साथ हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए अनुमति मांगी है।
उल्लेखनीय है कि परमार ने सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे पत्र में कहा था कि अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह हमारा प्राचीन हिंदू मंदिर है। वहां की दीवारों व खिड़कियों में स्वास्तिक व अन्य हिंदू धर्म से संबंधित चिह्न मिले हैं। महाराणा प्रताप सेना की मांग है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यहां भी सर्वे करे। इसके बाद मुस्लिम समाज ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इस दावे को पूरी तरह से खारिज किया और कहा कि दरगाह में ऐसा कोई चिह्न नहीं है। प्रतिनिधियों ने परमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी। इसके बाद फिर नया दावा किया गया। परमार ने 1170 ईस्वी का नक्शा दिखाते हुए दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया। साथ ही अढाई दिन के झोपडे़ की जगह संस्कृत विद्यालय व विष्णु मंदिर होने की बात कही। इसके बाद हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन महाराष्ट्र ने ऐतराज जताया। एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसूफ उमर अंसारी ने प्रतिनिधि मंडल के साथ अजमेर पहुंचकर एसपी को परिवाद दिया। साथ ही एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की ।
