उदयपुर में कन्हैया की हत्या कर फरार हुए रियाज और गौस मोहम्मद को भीम (राजसमंद) के दो सगे भाइयों ने पकड़वाया था। इन युवकों ने ही दोनों बदमाशों के बाइक पर भागने की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद वे बाइक लेकर बदमाशों के पीछे हो लिए। करीब 30 किलोमीटर दूर जाकर पुलिस नाकेबंदी में दोनों बदमाश पकड़े गए। ये दोनों भाई हैं- शक्तिसिंह और प्रहलादसिंह। उन्होंने बताया कि हत्यारों ने उन्हें धमकाया भी, लेकिन फिर भी वे उनका पीछा करते रहे। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने दोनों से मुलाकात की।
लसानी (राजसमंद) के प्रहलाद ने बताया कि वे किसान हैं। उसे 28 जून को उनके जानकार बाबूसिंह हेड कॉन्स्टेबल का फोन आया था कि उदयपुर में जो हत्याकांड हुआ है, उस के दो आरोपी आप की ओर भी आ सकते हैं। इस पर वह अपने भाई शक्तिसिंह के साथ भीलवाड़ा-देवगढ़ मार्ग पर स्थित सूरजपुरा बस स्टैंड पर जा कर बैठ गया। इसी दौरान एक बाइक पर उसी शक्ल के दो युवक तेजी से निकले। उन्हें देखते हम दोनों ने उनका बाइक से पीछा करना शुरू किया।
इस बीच भाई शक्तिसिंह ने फोन पर हेड कॉन्स्टेबल बाबूसिंह को जानकारी दी की दोनों बदमाश उन्हें दिखे हैं। दोनों उनका पीछा कर रहे हैं। 5 किलोमीटर पीछा करने पर दोनों बदमाशों ने डराया कि वह उनका पीछा न करें नहीं तो उनकी भी हत्या कर दी जाएगा। बदमाशों ने इस दौरान हमें हथियार भी दिखाया। बाबूसिंह ने फोन पर बताया कि आगे नाकेबंदी है। पुलिस पकड़ लेगी, लेकिन वहां पर नाकेबंदी नहीं मिली।
शक्तिसिंह ने बताया कि सड़क पर कहीं पर भी नाकेबंदी नहीं थी। कई किलोमीटर बाइक चलाने के बाद पीछे से पुलिस गाड़ी आई तो पुलिसकर्मियों को हमने बदमाशों के आगे भागने की जानकारी दी। जिस पर पुलिस जीप बदमाशों का पीछा करने लगी। इसके बाद हम पुलिस जीप के पीछे हो गए। पुलिस ने बदमाशों को घेर कर पकड़ा।
करणी सेना की ओर से सीएम अशोक गहलोत से मांग की गई है कि इन दोनों युवकों को पुलिस सुरक्षा दी जाए। दोनों युवक जब दोनों आतंकियों का पीछा कर रहे थे, तो उन्होंने इन्हे चाकू दिखाकर डराने का भी प्रयास किया, लेकिन ये लोग नहीं डरे और भागते आतंकियों का पीछा करते रहे।
बदमाशों के पकडे जाने के पांच दिन बाद भी इन दोनों भाइयों का नाम न तो सरकार ने बताया और न ही इंटेलिजेंस ने सरकार तक पहुंचाया। स्थानीय पुलिस भी इन दोनों को पीछे रखने वाली थी, लेकिन मामला स्थानीय विधायक के जानकारी में आने के बाद यह दोनों युवक सामने आए। शक्तिसिंह और प्रहलाद सिंह ने कहा कि उन्हें सुरक्षा चाहिए क्योंकि आतंकी उन्हें भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
