अमरनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले राजस्थान के श्रीगंगानगर के 3 लोगों की मौत के मामले में बड़ी गफलत सामने आई है। इनमें राजस्थान पुलिस में इंस्पेक्टर रहे सुशील खत्री के शव का तो श्रीगंगानगर पहुंचने पर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया, लेकिन दंपति के शवों में से श्रीनगर से सुनीता वधवा की जगह महाराष्ट्र की सुनीता का शव दिल्ली भेज दिया गया था। दिल्ली में जब परिजनों ने शव देखे तो इस मामले का खुलासा हुआ। अब सुनीता वधवा का शव श्रीनगर से दिल्ली आने के बाद दोनों के शवों को श्रीगंगानगर लाया जायेगा।
अमरनाथ हादसे में मारे गये श्रीगंगानगर निवासी तीन लोग आपस में रिश्तेदार हैं। सुशील खत्री की बेटी मोहनलाल वधवा और सुनीता वधवा के बेटे को ब्याही हुई है। सुशील खत्री समेत तीनों की अमरनाथ हादसे में जान चली गई थी। इन तीनों के शव शनिवार को श्रीनगर से दिल्ली लाये गये थे। वहां जब वधवा दंपति के परिजनों ने शव देखे तो शव बदले जाने की गफलत का खुलासा हुआ।
अब वधवा दंपति के परिजन उनके शवों का इंतजार कर रहे हैं। शव भेजने में हुई गफलत को लेकर श्रीगंगानगर के लोगों में आक्रोश देखा गया। एक समान नाम को लेकर यह गफलत हुई है।
