
जोधपुर में छुट्टी नहीं मिलने से नाराज सीआरपीएफ जवान नरेश जाट ने आखिर सोमवार दोपहर खुद को गोली मार ली। इसके पहले उसने अफसरों पर दबाव बनाने के लिए पत्नी और बेटी को अपने क्वार्टर में 18 घंटे बंधक बनाए रखा। पुलिस और प्रशासन ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। आखिर में उसने चार अफसरों के सामने खुद को गोली मार ली। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया।
मामला जोधपुर के पालड़ी खिचियान स्थित सीआरपीएफ के रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर का है। बताया जा रहा है कि नरेश जाट का छुट्टी को लेकर डीआईजी भूपेंद्र सिंह से विवाद हो गया था।
नरेश को समझाने के लिए देर रात उसके परिजनों को पाली से बुलाया गया। जवान ने सीआरपीएफ के आईजी के सामने ही समर्पण करने की शर्त रखी। आईजी उससे बातचीत करने पहुंचे भी, लेकिन बातचीत के बाद उन्हीं के सामने खुद को गोली मार ली। नरेश के पास इंडियन स्माल आर्म सिस्टम (आईएनएसएएस) 5.56 यानी लाइट मशीनगन थी। उसने इसी मशीनगन से कई राउंड हवाई फायर किए।
जवानों के अनुसार नरेश छुट्टी नहीं मिलने से परेशान था। इसे लेकर ही रविवार को रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर के डीआईजी भूपिंदर सिंह से उसकी बहस भी हो गई। बात बढ़ी तो डीआईजी ने उसको बर्खास्त करने की धमकी दे दी। इससे गुस्साए जवान ने एक अन्य जवान पर हमला कर दिया और उसका हाथ काट लिया। फिर गुस्से में क्वार्टर के अंदर चला गया और दरवाजा बंद कर लिया। जिस समय जवान ने घर का दरवाजा अंदर से बंद किया, तब घर में उसकी पत्नी और 6 साल की बच्ची भी थी। जवान ने लाइट मशीनगन से गैलरी में आकर हवाई फायर करना शुरू कर दिए। पुलिसकर्मियों ने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर पास जाने की कोशिश की, लेकिन एलएमजी के सामने किसी की हिम्मत नहीं हुई। ऐसे में पुलिस ने लाउडस्पीकर से ही अनांउस कर जवान को समझाने का प्रयास किया। बुलेटप्रूफ जैकेट पहने कमांडो भी साथ आए, लेकिन नरेश जाट तक नहीं पहुंच पाए।
कमिश्नर रवि गौड़ ने बताया कि कल शाम से ही समझाइश का दौर चल रहा था। पाली से मां-बाप को बुलाया गया था। जयपुर से भी अधिकारी रवाना हो गए थे। फोन पर उसे समझाया जा रहा था। आज सुबह नरेश ने पिता को अपने पास आने को कहा। लेकिन फिर मना कर दिया। समझाइश चल रही थी कि उसने ठोडी पर मशीन गन रखकर खुद को गोली मार दी। कमिश्नर ने बताया कि पत्नी और बच्चे दोनों सुरक्षित है।