
कोटा के अपना घर आश्रम में रह रहे मानसिक रूप से कमजोर 3 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक पुरुष और दो महिलाएं हैं। आश्रम में तीनों मौतों के पीछे लापरवाही सामने आई है। वहां पीने के लिए साफ पानी नहीं था। जहां खाना बनाया जा रहा था, वहां गंदगी थी। सोमवार सुबह मामले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर ओपी बुनकर, सीएमएचओ बीएस तंवर समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे।
जानकारी के अनुसार रविवार देर शाम 2017 से आश्रम में रहीं सुदेवी (40), 2019 से रह रही मुन्नी (48) और 2021 से रह रहे दिलीप (50) की तबीयत बिगड़ी थी। तीनों को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान रात करीब 1 बजे उनकी मौत हो गई।
सोमवार सुबह आश्रम में मेडिकल कैंप लगाया गया, जिसमें लोगों की जांच की गई तो 15 और लोगों में उल्टी-दस्त की शिकायत पाई गई। इन सभी को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
मौके पर पहुंचे कलेक्टर और सीएमएचओ के निरीक्षण में सामने आया है कि आश्रम में पीने के लिए साफ पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। बोरिंग का पानी ही यहां रह रहे लोगों को पिलाया जा रहा था। साथ ही किचन से लेकर सब जगह गंदगी नजर आई। कलेक्टर और चिकित्सा अफसरों के अनुसार साफ पानी की व्यवस्था नहीं होने और बोरिंग का पानी पीने के चलते ही प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि इन लोगों की तबीयत बिगड़ी।
कोटा अपना घर के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने बताया कि हमारे स्तर पर किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। जैसे ही तबीयत खराब हुई, उन्हें हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया। पानी में भी गंदगी जैसी कोई बात नहीं है। लेट सूचना देने की बात पर कहा- हमने सुबह प्रशासन को सूचना दे दी थी।