
राजस्थान में पिछले 24 घंटे से अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार हो रही तेज बरसात ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। जोधपुर में 78 सालों में पहली बार जुलाई में भारी बरसात हुई है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और पाली में भी जबर्दस्त पानी गिरा। कई इलाके जलमग्न हो गए। कारें-बाइक, सिलेंडर सड़कों पर बहते नजर आए।
उधर, टोंक के निवाई में वनस्थली रोड के पास बने एक एनिकट में तीन बच्चे डूब गए। इनमें से दो की पानी में डूबने से मौत हो गई, जबकि एक बच्चे को बचा लिया गया। जोधपुर में भारी बारिश और जलभराव की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने स्कूलों की छुट्टी कर दी है।
मौसम केंद्र जयपुर और जल संसाधन विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा 205 एमएम (करीब 8 इंच) बारिश रिकॉर्ड की गई। चित्तौड़गढ़ में 179, रावतभाटा, गंभीरी डेम, कपासन, बेंगू, भोपालसागर, जोधपुर शहर, सुरपुरा (जोधपुर), जवाहर सागर (कोटा), सरदार समंद (पाली), सोजत (पाली), सरवाड़ (अजमेर), भीलवाड़ा, कोटड़ी (भीलवाड़ा) में 100 से लेकर 200 एमएम के बीच पानी बरसा।
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वर्तमान में पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक सर्कुलेटरी सिस्टम बना हुआ है। इस सिस्टम का असर आगामी 48 घंटों तक अजमेर, जोधपुर व उदयपुर के आसपास के जिलों में बना रहेगा। इन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश तो एक दो स्थानों पर अति भारी वर्षा की संभावना है। 28-29 जुलाई से राज्य के कुछ भागों से धीरे-धीरे मानसून की गतिविधियों में कमी होने और उत्तरी भागों की ओर शिफ्ट होने की संभावना है।